वाराणसी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में रविवार को भी सर्वे का काम हुआ। लगातार चौथे दिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई की ओर से सर्वे का काम किया गया। सर्वे के साथ साथ विवाद भी चल रहा है। सर्वे को लेकर आ रही खबरों और कुछ कथित तस्वीरों को लेकर मस्जिद के इमाम और मुफ्ती ए शहर मौलाना बातिन नोमानी ने एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि जो तस्वीरें दिखाई जा रही हैं वो ज्ञानवापी मस्जिद की नहीं हैं।
बहरहाल, एएसआई ने रविवार सुबह मुस्लिम पक्ष से चाबी लेकर व्यास तहखाने का ताला खुलवाया। और सर्वे का काम शुरू किया। गौरतलब है कि चार अगस्त से ज्ञानवापी का सर्वे चल रहा है। इससे पहले 24 जुलाई को भी एक दिन सर्वे हुआ था लेकिन आदेश के बाद रोक लग गई थी। इस हिसाब से चार दिन का सर्वे हो चुका है। रविवार को एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी के तीनों गुंबदों और परिसर का सर्वे किया।
बताया गया है कि एएसआई ने व्यास तहखाने में माप ली। दीवारों की थ्री-डी फोटोग्राफी और स्कैनिंग करवाई। कानपुर आईआईटी के दो जीपीआर विशेषज्ञ भी सर्वे टीम के साथ थे। एक दो दिन में जीपीआर मशीन से सर्वे शुरू हो सकता है। बहरहाल, दोपहर में लंच और नमाज के लिए दो घंटे सर्वे रूका रहा। दोपहर बाद ढाई बजे से फिर सर्वे शुरू हुआ, जो पांच बजे तक चला। चौथे दिन के सर्वे में एएसआई टीम को गुंबदों के सर्वे के दौरान गोलाकार छत में कई डिजाइनें मिली हैं। हॉल में ही तीनों गुंबद सीलिंग में टीम को कई डिजाइनें दिखीं। इनकी एक-एक करके फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई। इस हॉल में अब तक मंदिरों में दिखने वाले 20 से अधिक आले यानी दीवार में बनी अलमारी, जिसे पूर्वांचल में ताखा कहते हैं, भी दिखे हैं।