प्रयागराज। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण पर तीन अगस्त तक रोक लगी रहेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के भारतीय पुरातत्व विभाग यानी एएसआई से सर्वेक्षण कराने के निचली अदालत के आदेश पर रोक को आगे बढ़ा दिया है। रोक का अंतरिम आदेश तीन अगस्त तक जारी रहेगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में तीन अगस्त को फैसला सुनाएगा।
इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद के एएसआ द्वारा सर्वे किए जाने के मामले में गुरुवार को तीसरे दिन सुनवाई हुई। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण के लिए वाराणसी जिला अदालत के 21 जुलाई के आदेश के खिलाफ अंजुमन मस्जिद समिति की ओर से दायर याचिका चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने सुनवाई की। ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने इस सर्वेक्षण के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की है।
हाई कोर्ट में निर्धारित समय से 15 मिनट पहले तीन बजकर 15 मिनट पर सुनवाई शुरू हुई। जस्टिस दिवाकर ने दोनों पक्षों के वकीलों को बहस करने के लिए कहा। एएसआई के अपर निदेशक ने अदालत को बताया कि एएसआई किसी हिस्से में खुदाई कराने नहीं जा रही है। चीफ जस्टिस ने उनसे पूछा था कि आपका उत्खनन से क्या आशय है? एएसआई के अधिकारी ने कहा कि काल निर्धारण और पुरातत्विक गतिविधियों से जुड़ी किसी गतिविधि को उत्खनन कहा जाता है, लेकिन हम स्मारक के किसी हिस्से की खुदाई करने नहीं जा रहे।
दूसरी ओर मस्जिद कमेटी के वकील ने दलील दी कि यह मामला सुनने योग्य है या नहीं इसकी याचिका खुद सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और यदि सुप्रीम कोर्ट बाद में इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि यह मामला सुनने योग्य नहीं है तो संपूर्ण कवायद बेकार जाएगी। इसलिए सर्वेक्षण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किया जाना चाहिए। इसके बाद मामले को टाल दिया गया। तीन अगस्त को इस पर फैसला आएगा, तब तक रोक जारी रहेगी।