तेल अवीव। इजराइल की लगातार बमबारी से तबाह हुआ गाजा अब अंधेरे में डूब गया है। गाजा पट्टी के एकमात्र बिजली संयंत्र का ईंधन खत्म हो गया है, जिससे उत्पादन ठप्प हो गया है। फिलस्तीन के ऊर्जा प्राधिकरण के प्रमुख थाफर मेल्हेम ने ‘वॉयस ऑफ फिलस्तीन’ को बताया कि गाजा पट्टी के एकमात्र पावर प्लांट में ईंधन खत्म हो गया है। इससे पूरे इलाके की बिजली आपूर्ति रुक गई है। अस्पतालों की इमरजेंसी लाइट सिर्फ दो दिन चल सकेगी। गौरतलब है कि नौ अक्टूबर को गाजा बॉर्डर पर कब्जे के बाद इजराइल ने गाजा तक होने वाली बिजली सप्लाई रोक दी थी।
इस बीच हमास और इजराइल जंग के पांचवें दिन दोनों तरफ से मरने वालों की संख्या चार हजार के करीब पहुंच गई है। हमास के हमले के जवाब में इजरायल ने मंगलवार की रात को गाजा पट्टी पर हमास के दो सौ से ज्यादा ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए। पिछले पांच दिन में हमास के हमले में इजरायल में मरने वालों की संख्या 12 सौ से ऊपर हो गई है, जबकि गाजा में अब तक 1,050 लोगों के मारे जाने की सूचना है। गाजा में पांच हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा इजराइली सेना ने कहा कि उसने इजरायल के अंदर करीब डेढ़ हजार हमास लड़ाकों के शव बरामद किए हैं। गाजा पर इजराइल के हमले में संयुक्त राष्ट्र संघ के नौ कर्मचारी भी मारे गए हैं।
बताया जा रहा है कि इजराइली वायु सेना ने हमास के मिलिट्री चीफ मोहम्मद दीफ के पिता के घर को भी तबाह कर दिया। दीफ को इजराइल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। ‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में मोहम्मद दीफ की एक भाई की मौत हो गई है। इस बीच फिलस्तीन की न्यूज एजेंसी ‘वाफा’ ने खबर दी है कि इजराइली सेना ने गाजा से लगे हुए अल-करामा शहर पर प्रतिबंधित फास्फोरस बम का इस्तेमाल किया। ये बम जिस इलाके में गिरते हैं वहां ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है।
इजराइल की सेना ने कहा है कि शनिवार को हुए हमास के हमले में अब तक इजराइल में 12 सौ लोगों की मौत हुई है, जिसमें 155 सैनिक हैं। यह भी खबर है कि मंगलवार की रात को हमास लड़ाकों का एक दल इजराइली शहर अश्कलोन के औद्योगिक क्षेत्र में घुस गया। मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए और बाकियों की तलाश हो रही है। अश्कलोन में ही एक मिसाइल अस्पताल पर गिया। यह मिसाइल गाजा से छोड़ी गई थी। इस बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयब अर्दोआन ने गाजा पट्टी की घेराबंदी खत्म करने और वहां रहने वाले करीब 23 लाख लोगों को पानी, बिजली और खाने-पीने की चीजें उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर इजराइल ऐसा नहीं करता है तो उसकी कार्रवाई को नरसंहार माना जाएगा।