नई दिल्ली। विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की छह दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली बैठक टल गई है। अब यह बैठक दिसंबर के तीसरे हफ्ते में होगी। गौरतलब है कि तीन दिसंबर को चार राज्यों के चुनाव नतीजों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘इंडिया’ की बैठक बुलाने का ऐलान किया था। जिस समय हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस पिछड़ने लगी उसी समय बैठक बुलाए जाने की खबर आई। लेकिन कई विपक्षी पार्टियों ने किसी न किसी बहाने से बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। इसके बाद बैठक टाल दी गई।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सबसे पहले कहा कि उन्हें बैठक के बारे में जानकारी नहीं थी और उनका पहले से उत्तर बंगाल में कार्यक्रम तय है। उन्होंने न सिर्फ बैठक में शामिल होने से इनकार किया, बल्कि उनकी पार्टी के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में कांग्रेस पर तीखा हमला किया गया और कहा गया कि कांग्रेस अपनी जमींदारी मानसिकता के चलते हारी है। समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस को निशाना बनाया। विपक्षी पार्टियों ने कहा कि अगर कांग्रेस तालमेल करके लड़ती तो चुनाव जीत सकती थी।
बहरहाल, विपक्षी गठबंधन की बैठक टलने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना और राजद ने कांग्रेस का समर्थन किया। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने सारी आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस कमजोर नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कुछ नेताओं ने गड़बड़ी की। लालू ने कहा कि 17 दिसंबर को विपक्षी गठबंधन की बैठक होगी, जिसमें सभी पार्टियों के नेता हिस्सा लेंगे। उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कांग्रेस का बचाव करते हुए कहा- बैठक जल्दबाजी में नहीं बुलाई गई थी। पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने से पहले बैठक फिक्स थी। हम, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
बहरहाल, छह दिसंबर की प्रस्तावित बैठक में पांच राज्यों के चुनाव नतीजों पर चर्चा होनी थी। लेकिन अब वह बैठक 17 दिसंबर को होगी। ममता बनर्जी के अलावा एमके स्टालिन, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, हेमंत सोरेन आदि ने भी बैठक में शामिल होने से असमर्थता जताई थी। ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था- मुझे नहीं पता। बैठक की मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। मुझे कार्यक्रम में उत्तर बंगाल जाना है। अगर मेरे पास बैठक की सूचना होती तो मैं उसके हिसाब से कार्यक्रम तय कर लेती।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन को बैठक में शामिल होने में दिक्कत नहीं थी। लेकिन मिचौंग तूफान की वजह से उन्होंने असमर्थता जताई। उनकी पार्टी की ओर से कहा गया- तमिलनाडु में मिचौंग चक्रवात आया है। वे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने जा रहे हैं। उन्होंने दिल्ली आने में असमर्थता जताई थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीमारी के चलते दिल्ली आने में असमर्थ थे तो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- मैं राज्य में ही व्यस्त हूं। मेरी जगह मेरा प्रतिनिधि दिल्ली की मीटिंग में शामिल होगा।