नई दिल्ली। भारत को उम्मीद है कि उसके कहने के बाद कनाडा भारत में तैनात अपने राजनयिकों की संख्या में कटौती करेगा। गौरतलब है कि भारत ने कहा है कि कनाडा के राजनयिक बहुत अधिक तादाद में हैं और जिनेवा कन्वेंशन के हिसाब से उनको संख्या घटानी चाहिए। भारत ने कहा है- हम उम्मीद करते हैं कि उनकी संख्या घटाई जाएगी। भारत में कनाडा के 62 राजनयिक तैनात हैं, जिनमें से 41 राजनयिकों को जाने के लिए कहा गया है।
इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा- हमने समानता की बात की थी। इसे लेकर अभी बातचीत चल रही है। हम इसके और डिटेल में अभी नहीं जाएंगे। भारत के मुकाबले कनाडा के राजनयिक अधिक तादाद में हैं। कनाडा कब तक अपने राजनयिकों की संख्या कम कर देगा, इस बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा- बातचीत चल रही है। अभी इससे अधिक कुछ नहीं कह सकते। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो के बयान के बारे में उन्होंने कहा- हमारा रुख साफ है। हमारे राजनयिकों की वहां सुरक्षा सुनिश्चित हो और यहां तादाद की समानता हो।
स्कॉटलैंड के ग्लासगो में भारतीय उच्चायुक्त को गुरुद्वारे में जाने से रोके जाने की घटना पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- हमारे राजनयिक को रोके जाने की घटना को हमने ब्रिटेन सरकार के सामने उठाया है। नई दिल्ली में अफगान दूतावास के बंद होने के सवाल पर बागची ने कहा- अफगान दूतावास काम कर रहा है। यहां जो राजनयिक हैं, हम उनके संपर्क में हैं। हैदराबाद और मुंबई का कांसुलेट भी काम कर रहा है। यह उनकी आंतरिक विवाद है।
पाकिस्तान में तैनात अमेरिकी राजदूत के पाक अधिकृत कश्मीर के दौरे के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- भारत ने अमेरिका से इसे लेकर अपनी चिंता जताई है। अरिंदम बागची ने मालदीव में नए राष्ट्रपति के चुनाव पर कहा कि, पीएम मोदी सबसे पहले शुभकामना देने वालों में शामिल रहे।