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चीन के सरकारी नक्शे में अरुणाचल

नई दिल्ली। चीन ने अपना एक नया आधिकारिक नक्शा जारी किया है, जिसमें उसने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताया है। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग की अनौपचारिक मुलाकात और सीमा विवाद सुलझाने के प्रयासों पर बातचीत के तीन दिन के भीतर चीन ने यह नक्शा जारी किया है। भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा कि ऐसा बेहूदा दावों से किसी और का क्षेत्र आपका नहीं हो जाएगा। 

भारत ने आधिकारिक रूप से इस पर तीखा प्रतिवाद दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विट करके मंगलवार को बताया- हमने आज डिप्लोमेटिक चैनल से चीन के सामने उसके ‘स्टैंडर्ड मैप 2023’ को लेकर कड़ा प्रतिवाद दर्ज कराया है, जिसमें उसने भारतीय क्षेत्र को अपना बताया है। उन्होंने आगे लिखा है- हम उनके दावे को खारिज करते हैं क्योंकि इसका कोई आधार नहीं है। चीन की ओर से उठाए जाने वाले ऐसे कदम सीमा के सवालों के हल को और उलझा देंगे। 

इससे पहले चीन ने सोमवार को अपना आधिकारिक मैप जारी किया है। इसमें भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया है। चीन के सरकारी न्यूज पेपर ने ट्विटर पर नया मैप पोस्ट किया। इस पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि चीन की यह पुरानी आदत है। उनके दावों से कुछ नहीं होता। एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने भारत के इलाकों को अपना बताने के चीन के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। 

उन्होंने कहा- चीन ने नक्शे में जिन इलाकों को अपना बताया है, वो उनके नहीं हैं। ऐसा करना चीन की पुरानी आदत है। अक्साई चिन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है। पहले भी चीन भारत के हिस्सों के लेकर नक्शे निकालता रहा है। उसके दावों से कुछ नहीं होता। हमारी सरकार का रुख साफ है। बेकार के दावों से ऐसा नहीं हो जाता कि किसी और के इलाके आपके हो जाएंगे।

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