नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है और इसके तहत पहले बैच में 14 लोगों को भारत की नागरिकता का सर्टिफिकेट मिल गया है। इस कानून के तहत पहली बार नागरिकता दी गई है। वैसे यह कानून तो 2019 के अंत में ही बन गया था लेकिन इसे लागू करने के नियम बनने में चार साल से ज्यादा का समय लगा और आखिरकार लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 11 मार्च को भारत सरकार ने नियम बना कर इसे लागू कर दिया। अब इस पर अमल शुरू हो गया है।
कानून बनने और लागू होने के बाद पहली बार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 लोगों को नागरिकता का प्रमाणपत्र दिया। बुधवार यानी 15 मई को गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- मोदी की गारंटी…वादा पूरा होने की गारंटी। उन्होंने आगे लिखा- आज का दिन बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। आज दशकों का इंतजार समाप्त हुआ है और सीएए के माध्यम से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़नाओं के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई बहनों, भाइयों को भारत की नागरिकता मिलनी शुरू हो गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है और उनका आभार जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा है- आजादी के समय किए गए वादे को आज नरेंद्र मोदी जी ने पूरा करके दिखाया है। गह मंत्रालय की ओर से 14 लोगों को नागरिकता मिलने के बाद अमित शाह ने भरोसा दिया कि सीएए के तहत हर एक शरणार्थी को भारत की नागरिकता दी जाएगी। गौरतलब है कि यह कानून संसद से पास होने के बाद देश भर में इसके खिलाफ आंदोलन हुए थे। तब से अभी तक भारत सरकार यह स्पष्ट करती रही है कि यह नागरिकता देने का कानून है और इससे किसी की नागरिकता छीनी नहीं जाएगी।
गौरतलब है कि 10 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन कानून लोकसभा से और अगले दिन राज्यसभा से पारित हुआ था। इसके अगले दिन 12 दिसंबर 2019 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन गया था। इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के गैर मुस्लिम ही भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। दिसंबर 2019 में कानून बनने के बाद से सरकार ने इसे लागू करने के नियम नहीं बनाए थे। कई बार के एक्सटेंशन के बाद इस साल सरकार ने नियम बनाए और 11 मार्च 2024 को सीएए देश भर में लागू कर दिया गया। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को इस कानून का राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना है।