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मायावती अकेले लड़ेंगी चुनाव

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की नेता और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक बार फिर कहा है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा है कि अगले दो महीने में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी। साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बसपा किसी के साथ तालमेल नहीं करेगी। इससे पहले भी उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं की बैठक में कहा था कि तालमेल में बसपा का वोट सहयोगी पार्टियों को मिल जाता है लेकिन उनका वोट बसपा को नहीं मिलता है। इसलिए बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी।

इस बार विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की मुंबई में होने वाली बैठक से एक दिन पहले अकेले लड़ने का ऐलान कर बसपा ने साफ कर दिया है कि वह विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी। पार्टी प्रमुख मायावती ने बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा- एनडीए और ‘इंडिया’ अधिकतर गरीब-विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक और पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं। जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी संघर्ष कर रही है। इसलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। 

मायावती ने आगे लिखा- बीएसपी विरोधियों के जुगाड़, जोड़-तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़ कर उनके गठबंधन से साल 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा, विधानसभा का आम चुनाव लड़ेगी। मीडिया बार-बार भ्रांतियां न फैलाए। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर तंज करते लिखा कि कई पार्टियां बसपा से तालमेल के लिए आतुर हैं लेकिन गठबंधन नहीं होने पर बसपा पर आरोप लगाते हैं कि वह भाजपा से मिली है। 

पार्टी के नेताइमरान मसूद को बसपा से बाहर किए जाने के एक बाद मायावती ने बुधवार को कहा- बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस और उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों? फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे? गौरतलब है कि कांग्रेस छोड़ कर बसपा में गए इमरान मसूद को राहुल गांधी की तारीफ करने की वजह से बसपा से निकाल दिया गया।

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