नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिव सेना के विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा के स्पीकर को अंतिम मौका देने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मसले पर सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को अंतिम मौका देने की बात कही। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि शिव सेना के विरोधी धड़े यानी उद्धव ठाकरे की ओर से जो याचिकाएं दायर की गई हैं, उस पर फैसला करने के लिए स्पीकर वास्तविक समय सीमा निर्धारित करें। अदालत ने कहा कि अयोग्यता की याचिकाओं पर जल्दी फैसला किए जाने की जरूरत है।
महाराष्ट्र के शिव सेना विधायकों की अयोग्यता के मामले की चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई। बेंच ने साफतौर पर कहा- टाइम शेड्यूल से हम संतुष्ट नहीं हैं। अदालत की नाराजगी के बाद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दशहरे की छुट्टियों के दौरान वे व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से बात करेंगे और रास्ता निकालने में उनकी मदद करेंगे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे दशहरे की छुट्टियों में व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से बात करेंगे और रास्ता निकालेंगे। अब मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने 17 अक्टूबर को बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि किस घटनाक्रम को असंवैधानिक माना जाए। इससे पहले नार्वेकर ने 21 सितंबर को कहा था- मैं शिव सेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने में देर नहीं करूंगा, लेकिन इस मामले में जल्दबाजी भी नहीं करूंगा। जल्दबाजी करना मिसकैरेज ऑफ जस्टिस हो सकता है। मैं जो भी फैसला लूंगा, संवैधानिक होगा।
गौरतलब है कि मंगलवार को हुई सुनवाई से पहले महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार, 13 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। तब अदालत ने इस मामले में लगातार हो रही देरी पर महाराष्ट्र स्पीकर पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने स्पीकर के बारे में कहा था कि कोई उन्हें समझाए कि वे हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं कर पाएंगे। कोई भी कार्यवाही महज दिखावा नहीं हो सकती।