नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर पर नाराजगी जताई है। शिव सेना विधायकों की अयोग्यता के मामले में फैसला होने में देरी को लेकर सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई की और स्पीकर पर नाराजगी जताई। अदालत ने स्पीकर राहुल नार्वेकर को लेकर कहा कि कोई उन्हें समझाए कि वे हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं कर पाएंगे। कोई भी कार्यवाही महज दिखावा नहीं हो सकती। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले भी अदालत ने स्पीकर पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि वे अनिश्चितकाल तक इस मामले को नहीं लंबित रख सकते हैं।
इस मामले में विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे, जबकि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से वरिष्ठ कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी पेश हुए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अदालत में दलीलें रखीं। गौरतलब है कि पिछले साल जून में शिव सेना के विधायकों ने पार्टी से अलग होकर भाजपा के साथ मिल कर सरकार बना ली थी। शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पहले अलग हुए 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने की अपील स्पीकर से की गई है।
बहरहाल, शुक्रवार की सुनवाई में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने नाराजगी जताते हुए कहा- अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला अगले विधानसभा चुनाव के पहले आ जाएगा या नहीं, या फिर पूरी प्रक्रिया की बेकाम हो जाएगी? महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अगले साल सितंबर-अक्टूबर में होना है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस साल जून के बाद से इस मामले में कुछ नहीं हुआ है। सर्वोच्च अदालत ने सरकार के शीर्ष कानून अधिकारी को स्पीकर को सलाह देने के लिए कहा है। ये भी कहा कि स्पीकर को मदद की जरूरत है।