नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चिट्ठी का जवाब दिया है। खड़गे ने अपनी चिट्ठी में संसद के मानसून सत्र में मणिपुर पर चर्चा की विपक्ष की मांग दोहराई है। एक दिन पहले मंगलवार को शाह ने खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को चिट्ठी लिख कर विपक्ष से ‘अमूल्य सहयोग’ मांगा था और पार्टी लाइन से ऊपर उठने के लिए कहा था। इसके एक दिन बाद शाह ने इस चिट्ठी का जवाब दिया।
खड़गे ने जवाबी चिट्ठी में लिखा- हमें आपसे जो पत्र मिला है, वह तथ्यात्मक नहीं है… आपके पत्र के शब्दों और आपके कार्यों में स्पष्ट अंतर है। सरकार असहिष्णु लगती है और संसद में अपनी इच्छा थोप रही है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर बयान दें, जिसके बाद संसद में चर्चा हो। खड़गे ने लिखा- अमित शाह जी, जिस दिन पीएम ने विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकवादी दल से जोड़ा, उसी दिन गृह मंत्री ने भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैया अपनाने को कहा। पीएम का विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा- अमित शाह जी, आपका 25 जुलाई का पत्र तथ्यों से उलट है। मणिपुर की स्थिति पर ‘इंडिया’ की पार्टियां प्रधानमंत्री से मांग कर रही हैं कि वे संसद को संबोधित करें, ताकि इस पर चर्चा हो सके, लेकिन आपके पत्र की भावनाओं में और आपकी करनी में जमीन आसमान का फर्क है। सदन में आपकी सरकार का रवैया असंवेदनशील और मनमाना रहा है। उन्होंने लिखा- छोटी घटनाओं को बड़ा बनाकर सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। हम रोज बहस का नोटिस देते हैं, लेकिन सत्तापक्ष के लोग सदन की कार्यवाही नहीं चलने देते हैं। संसद की कार्यवाही को लेकर अब तक निराशा ही हाथ लगी है।