इंफाल/नई दिल्ली। मणिपुर में चार महीने से चल रही हिंसा थम नहीं रहा है। वहां लगातार गोलीबारी और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। लोगों का पलायन हो रहा है और सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। लेकिन एक फोटो कैप्शन गलत लिख देने और कुछ अन्य रिपोर्ट्स की वजह से एडिटर्स गिल्ड के ऊपर राज्य सरकार ने मुकदमा दर्ज करा दिया है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
एडिटर्स गिल्ड पर राज्य में हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश का आरोप है। गौरतलब है कि एडिटर्स गिल्ड ने एक रिपोर्ट में सरकार के नेतृत्व को पक्षपाती बताया था। इसे लेकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने गिल्ड के तीन सदस्यों पर केस किया है। इन तीनों के नाम सीमा गुहा, भारत भूषण और संजय कपूर हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा- मैं एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों को चेतावनी देता हूं। अगर आपको सच जानना है तो घटना वाली जगह पर जाएं। सच्चाई को जानिए। सभी समुदाय के लोगों से मिलिए, फिर जो जानकारी मिले उसे पब्लिश करें। चुनिंदा लोगों से ही मिलकर कोई नतीजा देना गलत है। असल में एडिटर्स गिल्ड ने दो सितंबर को सोशल मीडिया पर अपनी एक रिपोर्ट शेयर की थी। इसके साथ लिखा था- यह बात स्पष्ट है कि मणिपुर में हिंसा के समय निष्पक्ष लीडरशिप नहीं हो रही थी। सरकार को इस मामले में किसी एक जाति का पक्ष नहीं लेना चाहिए था। सरकार लोकतांत्रिक रहने में फेल हुई है।
इसके अलावा एडिटर्स गिल्ड ने अपनी रिपोर्ट में एक फोटो में भी गलती कर दी। गिल्ड ने चुराचांदपुर जिले में एक जलती हुई इमारत की तस्वीर छापी और दावा किया कि यह कुकी समुदाय का घर है। जबकि वह वन विभाग का कार्यालय था, जिसे तीन मई को एक भीड़ ने आग लगा दी थी। गलत फोटो का मामला सामने आने के बाद एडिटर्स गिल्ड ने रविवार को अपनी गलती को स्वीकार की। गिल्ड ने लिखा- हमें फोटो कैप्शन में हुई गलती के लिए खेद है। इसमें सुधार किया जा रहा है। नई मणिपुर रिपोर्ट अपलोड कर दी गई है।