नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे से कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था यानी अभी साढ़े तीन साल का कार्यकाल बचा हुआ था और उन्होंने शनिवार को अचानक इस्तीफा दे दिया। pm modi election commissioners
बताया जा रहा है कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के साथ विवाद थे। बहरहाल, उनके इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग में तीन में से दो आयुक्तों के पद खाली हो गए हैं। इन पर नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी की 15 मार्च की शाम को बैठक हो सकती है।
बताया जा रहा है कि दोनों खाली पदों पर नई नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी की ओर से नामों की सिफारिश की जाएगी और उन पर विचार के लिए कमेटी की बैठक 15 मार्च को होगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद संसद ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है। प्रधानमंत्री इस कमेटी के अध्यक्ष हैं। उनके अलावा एक कैबिनेट मंत्री और लोकसभा में मुख्य या सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता इसके सदस्य हैं।
गौरतलब है कि एक चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे फरवरी में रिटायर हो गए थे। दूसरे अरुण गोयल ने नौ मार्च को अचानक इस्तीफा दे दिया। इस तरह तीन सदस्यों के चुनाव आयोग में इस वक्त सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही हैं।
पंजाब काडर के आईएएस अधिकारी अरुण गोयल ने 21 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। उससे एक दिन पहले ही उन्होंने केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव के पद से वीआरएस लिया था।
उनकी नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ था और उसी विवाद से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी और सरकार को कानून बनाने के लिए कहा था। अरुण गोयल का इस्तीफा हैरान करने वाला था क्योंकि अगले साल फरवरी में राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद वे मुख्य चुनाव आयुक्त बनने वाले थे।
गोयल ने निजी कारणों से इस्तीफा देने की बात कही है लेकिन अंग्रेजी के एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक राजीव कुमार के साथ उनके मतभेद थे। इस मतभेद की वजह से ही गोयल पश्चिम बंगाल में आयोग के दौरे के समय प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुए थे। तब उनकी खराब सेहत की बात कही गई थी। पांच मार्च को कोलकाता में राजीव कुमार ने अकेले की प्रेस कांफ्रेंस की थी।
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