भुवनेश्वर। ओडिशा में नवीन पटनायक का 24 साल का राज समाप्त हो गया और बुधवार को भाजपा की पहली सरकार बनी। भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन चरण माझी ने शपथ ली। राज्यपाल रघुवर दास ने मोहन माझी के साथ दो उप मुख्यमंत्रियों और 13 अन्य मंत्रियों को भी पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। एक दिन पहले राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में मोहन माझी को विधायक दल का नेता चुना गया था। मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे सुरेश पुजारी ने भी माझी सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ ली है।
मोहन माझी के साथ कनक वर्धन सिंहदेव और प्रभाती परीदा ने उप मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। माझी मंत्रिमंडल में 13 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें सुरेश पुजारी, रबिनारायण नाइक, नित्यानंद गोंड, कृष्ण चंद्र पात्रा, पृथ्वीराज हरिचंदन, मुकेश महालिंग, बिभूति भूषण जेना, कृष्ण चंद्र महापात्रा, गणेश राम सिंह खुंटिया, सूर्यवंशी सूरज, प्रदीप बालसामंता, गोकुला नंद मल्लिक और संपद कुमार स्वैन शामिल हैं। मोहन चरण माझी ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री बने हैं।
ओडिशा में भाजपा की पहली सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भाजपा के तमाम बड़े नेता शामिल हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शपथ समारोह में मौजूद रहे। इनके अलावा उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, असम, हरियाणा, गोवा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी शपथ समारोह में शामिल हुए।
गौरतलब है कि ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पहली बार बहुमत हासिल करके अपने दम पर सरकार बनाई है। राज्य की 147 सदस्यों की विधानसभा में भाजपा को 78 सीटें मिली हैं। वहीं, 24 साल तक राज करने वाले नवीन पटनायक की बीजू जनता दल को 51, कांग्रेस को 14 और सीपीएम को एक सीट मिली है। अन्य के खाते में तीन सीटें गई हैं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को ओडिशा में बड़ी जीत मिली है। राज्य की 21 सीटों में से भाजपा को 20 और कांग्रेस को एक सीट मिली है। बीजू जनता दल को एक भी सीट नहीं मिली।
बहरहाल, ओडिशा को 24 साल बाद आदिवासी मुख्यमंत्री मिला है। मोहन माझी से पहले राज्य में दो आदिवासी मुख्यमंत्री बने हैं। कांग्रेस के हेमानंद बिस्वाल राज्य के पहले आदिवासी मख्यमंत्री थे। वे 1989-1990 और 1999-2000 तक दो बार मुख्यमंत्री रहे। राज्य के दूसरे आदिवासी मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग थे। हालांकि उनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा। बिस्वाल के बाद कांग्रेस यहां कभी सत्ता में नहीं रही। मोहन माझी से पहले भाजपा ने पिछले साल दिसंबर में छत्तीसगढ़ में भी आदिवासी नेता विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाया था।