कोलाघाट। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद से विपक्षी दलों के बहिष्कार की आलोचना करते हुए ‘‘चर्चा से भागने’’ का आरोप लगाया। कहा कि उनकी सरकार ने विपक्ष की“फैलाई जा रही नकारात्मकता’’ को पराजित कर दिया है।प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल मणिपुर पर चर्चा को ले कर गंभीर नहीं थे क्योंकि ‘‘इससे उन्हें सबसे अधिक नुकसान होता।’’ विपक्षी दलों ने ‘‘लोगों के कल्याण की जगह अपनी राजनीति को प्राथमिकता दी।’’
प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में पंचायती राज परिषद को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। मोदी ने पिछले महीने बंगाल में हुए ग्रामीण चुनाव के दौरान विपक्ष को डराने के लिए ‘‘आतंक और धमकियों’’ का इस्तेमाल करने को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आलोचना भी की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “दो दिन पहले ही, हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया। हमने उनके द्वारा फैलाई जा रही नकारात्मकता को पराजित किया है। विपक्ष को सदन से भागते हुए पूरे देश ने देखा है। दुर्भाग्य से, उन्होंने मणिपुर के लोगों को धोखा दिया।’’
मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन क्या हुआ, आप सबने देखा है? विपक्ष ने ऐसा नहीं होने दिया। ऐसे संवेदनशील विषय पर चर्चा होती तो मणिपुर के लोगों को राहत महसूस होती। उस समस्या के समाधान के लिए कुछ समाधान सामने आए होते।’’
मोदी ने कहा, ‘‘उन्हें (विपक्षी दल) लोगों के दर्द और पीड़ा की परवाह नहीं है। उन्हें केवल राजनीति की परवाह है। यही कारण है कि उन्होंने चर्चा से बचने का फैसला किया और अविश्वास प्रस्ताव लाकर राजनीतिक बहस को प्राथमिकता दी।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि ‘‘जो लोग लोकतंत्र के हिमायती के रूप में कार्य करते हैं और इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाते हैं’’ उन्होंने बंगाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘‘कमजोर’’ कर दिया है। हालांकि, ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में, हाल के ग्रामीण चुनावों के दौरान उनके (भाजपा) द्वारा 15-16 लोगों की हत्या कर दी गई। ’’
प्रधानमंत्री के आरोप का परोक्ष हवाला हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र ने ‘‘मणिपुर में अत्याचार करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।’’पश्चिम बंगाल में टीएमसी पर पंचायत चुनाव के दौरान आतंक का माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे खतरों के बावजूद भाजपा के उम्मीदवारों को लोगों ने अपना आशीर्वाद दिया।
उन्होंने आरोप लगाया, “हाल में बंगाल में पंचायत चुनाव हुए थे। पूरे देश ने देखा कि कैसे टीएमसी ने खूनी खेल खेला। हिंसा का इस्तेमाल विपक्ष को धमकाने के साधन के रूप में किया गया। टीएमसी की ‘तोलाबाज’ सेना ने वोट लूटे। ये टीएमसी की राजनीति है। लेकिन इसके बावजूद बंगाल की जनता के प्यार ने भाजपा उम्मीदवारों को जीत दिलाई है।’’