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सहयोगियों में मंत्री पद पर खींचतान

नई दिल्ली। केंद्र की एनडीए सरकार में मंत्री पद को लेकर खींचतान तेज हो गई है। पहले सिर्फ एनसीपी की ओर से नाराजगी जताई गई थी लेकिन अब महाराष्ट्र की दूसरी सहयोगी पार्टी शिव सेना की ओर से भी नाराजगी जताई गई है। बताया जा रहा है कि झारखंड की सहयोगी पार्टी आजसू के नेता भी मंत्री पद नहीं मिलने से नाराज हैं। सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि सात लोकसभा सांसद होने के बावजूद उनकी पार्टी को सिर्फ एक स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री का पद मिला।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी के नेता श्रीरंग बारने ने कहा है उनकी पार्टी को कम से कम एक कैबिनेट मंत्री का पद चाहिए। नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार के मंत्रिमंडल पर सवाल उठाते हुए बारने ने कहा- सरकार में चार-पांच सीट जीतकर आने वाली पार्टियों को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है। महाराष्ट्र में हमने तो सात सीटें जीती हैं, ऐसे में कम से कम हमें भी एक कैबिनेट तो मिलना ही चाहिए। बारने पुणे की मावल लोकसभा सीट से सांसद हैं। शिंदे गुट के सांसद ने आगे कहा- शिव सेना बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी रही है, ऐसे में हमें भी कैबिनेट मंत्री पद मिलना चाहिए था। गौरतलब है कि शिंदे गुट के नेता प्रतापराव जाधव ने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ ली है।

इससे पहले रविवार को अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने कैबिनेट मंत्री पद की मांग पर जोर देते हुए राज्य मंत्री का पद ठुकरा दिया था। बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से एनसीपी को स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री के पद का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन अजित पवार ने उसे ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी से प्रफुल्ल पटेल को मंत्री बनाना था, जो पहले कैबिनेट मंत्री रहे हैं। ऐसे में उन्हें राज्यमंत्री का पद नहीं दिया जा सकता है। सो, एनसीपी ने कोई मंत्री पद नहीं लिया है।

उधर झारखंड की सहयोगी पार्टी आजसू ने लोकसभा की एक सीट जीती है। लगातार दूसरी बार आजसू को एक सीट मिली है। लेकिन इस बार भी उसे सरकार में नहीं शामिल किया गया है। मंत्री पद नहीं मिलने से गिरिडीह से जीते आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी नाराज हैं। पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो भी नाराज बताए जा रहे हैं। वे कई दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे लेकिन उनकी पार्टी को सरकार में शामिल होने का न्योता नहीं मिला।

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