Manipur impasse :- मणिपुर में हिंसा मुद्दे पर सोमवार को भी राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बना रहा, जिसके चलते उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे के लिए स्थगित कर दी गई।
सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई गोवा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित सदस्य सदानंद शेत तलावड़े ने उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 65 नोटिस मिले हैं।
सभापति ने कहा कि उन्होंने नोटिस देने वाले सदस्यों के नाम और उनके मुद्दों का उल्लेख करने की परिपाटी आरंभ की है। उन्होंने सदस्यों से पूछा कि क्या उन्हें नोटिस देने वाले सभी सदस्यों के नाम पढ़ने चाहिए, इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार जब मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा कराने का तैयार है तो ऐसे में विपक्षी सदस्य सदन का महत्वपूर्ण समय बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ ‘काला’ है जिसकी वजह से विपक्ष चर्चा से ‘भाग’ रहा है। गोयल ने कहा, कोई नाम पढ़ने की आवश्यकता नहीं है। हम आज ही इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार हैं। आप दोपहर दो बजे चर्चा शुरु करें।
इसके बाद धनखड ने कहा कि वह 20 जुलाई को नियम 176 के तहत मिले नोटिस को स्वीकार कर चुके हैं और सरकार ने चर्चा की हामी भर दी है। उन्होंने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने का मौका देते हुए पूछा कि क्या वह आज दो बजे चर्चा शुरु करने को तैयार हैं। इस पर खरगे ने कहा, हमने नियम 267 के तहत चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं। हम इसी नियम के तहत चर्चा चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, मैं आपसे और सरकार से आग्रह करता हूं कि नियम 267 के तहत चर्चा शुरु की जाए।
धनखड़ ने कहा कि नियम 267 के तहत आखिरी नोटिस 2018 में स्वीकार की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्होंने नियम 176 के तहत मिले नोटिस पर व्यवस्था दे दी है फिर भी सदस्य उसी मुद्दे पर हर दिन नियम 276 के तहत नोटिस दे रहे हैं।
राज्यसभा के नियम 267 के तहत कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया जाता है। इसके तहत उठाए गए विषय पर चर्चा के लिए सदन के सूचीबद्ध कार्य को निलंबित करने और फिर बहस शुरु कराने का प्रावधान है। खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदन में आकर मणिपुर हिंसा पर बयान देना चाहिए। इसी दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा और शोरगुल शुरु कर दिया। धनखड़ ने हंगामा बढ़ते देख 11 बजकर 16 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।