प्रयागराज। करीब 17 साल पहले देश और दुनिया में जनमानस को हिला कर रख देने वाले निठारी कांड के दोनों आरोपी बरी हो गए हैं। फांसी की सजा पाए मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली की फांसी की सजा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है और दोनों को बरी करने का आदेश दिया है। दिल्ली से सटे नोएडा के चर्चित निठारी कांड के दोनों आरोपियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।
हाई कोर्ट ने कई दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। निठारी कांड में मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली और दूसरे आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को एक निचली अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई थी। इसके खिलाफ दोनों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुरेंद्र कोली पंढेर की कोठी डी-5 का केयरटेकर था। उस पर आरोप था कि वह लड़कियों को लालच देकर कोठी में लाता था। उस कोठी के आसपास 19 कंकाल बरामद हुए थे।
उस समय खबर आई थी कि निठारी गांव की दर्जनों लड़कियों गायब हो गई हैं। कोली आरोप था कि वह उनसे दुष्कर्म कर हत्या कर देता था। इसके बाद लाश के टुकड़े कर बाहर फेंक आता था। उसके ऊपर नरभक्षी होने का आरोप भी लगा था। गौरतलब है कि 29 दिसंबर, 2006 को नोएडा के निठारी इलाके में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे स्थित नाले से 19 कंकाल बरामद किए गए थे। इस मामले में कोली और पंढेर को नोएडा की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया था। इस मामले में कुल 16 मुकदमे दर्ज किए गए थे और अदालत में 2007 में आरोपपत्र दाखिल किया था।