नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को छोड़ कर विपक्ष के सभी मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक का बहिष्कार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की नौवीं बैठक में विपक्ष के आठ मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए। इनके अलावा एनडीए के भी दो मुख्यमंत्री बैठक में नहीं पहुंचे, लेकिन उनके व्यक्तिगत कारण थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पुड्डुचेरी के सीएम एन रंगास्वामी बैठक में शामिल नहीं हुई। बैठक में दोनों सरकारों का प्रतिनिधित्व दूसरे मंत्रियों ने किया।
बहरहाल, शनिवार को सुबह 11 बजे नीति आयोग की बैठक शुरू हुई, जो दोपहर बाद चार बजे तक चली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उनकी सरकार के एक दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ मंत्री और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल हुए। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि शनिवार की बैठक में 26 राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उप मुख्यमंत्री शामिल हुए, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए।
जिन मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया उनमें कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों यानी सिद्धरमैया, रेवंत रेड्डी और सुखविंदर सिंह सुक्खु के अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, केरल के पिनरायी विजयन, झारखंड के हेमंत सोरेन, पंजाब के भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व्यक्तिगत कारणों से बैठक में नहीं शामिल हुए। राज्य के दो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा शामिल हुए।
बहरहाल, बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है और राज्य इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे सीधे लोगों से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि यह दशक तकनीकी और भू राजनीतिक बदलावों के साथ साथ अवसरों का भी है। देश को इनका फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी नीतियों को अंतरराष्ट्रीय निवेश के मुताबिक ढालना चाहिए। यह भारत को विकसित बनाने में मददगार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में कहा- भारत एक युवा देश है। यह अपने कार्यबल के कारण पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा आकर्षण है। हमें अपने युवाओं को एक कुशल और रोजगार योग्य कार्यबल बनाने का लक्ष्य रखना चाहिए। विकसित भारत 2024 बनाने के लिए कौशल, अनुसंधान, नवाचार और नौकरी आधारित ज्ञान पर जोर देना जरूरी है। मोदी ने कहा- नई शिक्षा नीति यानी एनईपी, मुद्रा योजना, पीएम विश्वकर्मा, पीएम सुविधा जैसी योजनाओं और आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार आदि का उपयोग भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के लिए किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की यह बैठक 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर केंद्रित थी। इस बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी संचालन व सहयोग को बढ़ावा देना, वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना था।