नई दिल्ली। विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आखिरकार चर्चा शुरू हो गई। विपक्ष की ओर से कांग्रेस के गौरव गोगोई ने 26 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर 13 दिन के बाद चर्चा शुरू हुई है। मंगलवार को गौरव गोगोई ने ही चर्चा की शुरुआत की और केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने मणिपुर का मुद्दा उठाया और कहा कि इस अविश्वास प्रस्ताव का मकसद प्रधानमंत्री का मौनव्रत तोड़ना है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लग गए?
बताया जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय तय किया गया है, जिसमें सात घंटे का समय भाजपा को मिला है। कांग्रेस को सवा घंटे का समय मिला है, जिसमें से 35 मिनट गौरव गोगोई बोले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को शाम चार बजे इस चर्चा का जवाब देंगे। मंगलवार को चर्चा शुरू होने के बाद भाजपा की ओर से निशिकांत दुबे पहले वक्ता थे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए इस बात पर भी तंज किया कि राहुल गांधी ने चर्चा की शुरुआत क्यों नहीं की।
बहरहाल, कांग्रेस के गौरव गोगोई ने अपने भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री को यह स्वीकार करना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार, मणिपुर में विफल हो गई है। इसलिए मणिपुर में डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर पर बोलना चाहिए और लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी बोलना चाहिए। गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर मणिपुर जाएं। उन्होंने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा केंद्र सरकार पूरी तरह से विफल रही है और प्रधानमंत्री यह स्वीकार नहीं करना चाहते कि उनसे भूल हुई है।
भाजपा की तरफ से निशिकांत दुबे ने जवाब देते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का एक ही मकसद है बेटे को सेट करना। केंद्रीय मंत्री कीरेन रिजीजू ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर तंज किया और कहा- ये लोग भारत विरोधी काम करेंगे और अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रख लेंगे। पूर्वोत्तर से आने वाले रिजीजू ने कहा- मैं पीएम मोदी के साथ संसद में पहले कार्यकाल से काम कर रहा हूं। उन्होंने आते ही हमें स्पष्ट कहा था कि हमें नॉर्थ ईस्ट के विकास को रफ्तार देनी है। हम हर 15 दिनों में राज्य का दौरा करते हैं। हम ग्राउंड पर जाने वाले लोग हैं। ऐसे हमने मणिपुर की समस्या को जाना और फिर सुधारने की कोशिश की है।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा- सत्ता पक्ष के लोग कह रहे थे कि हमें राजस्थान पर चर्चा करना चाहिए, जहां महिलाओं के साथ जघन्य अपराध हो रहे हैं। अगर ऐसा है तो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की भी जरूर चर्चा होनी चाहिए। एनसीपी की सुप्रिया सुले ने भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। इस बीच अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान संसद टीवी पर सरकार की उपलब्धियों को लेकर टिकर चलने पर विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्ष के हंगामे के बाद टिकर से सरकार की उपलब्धियां हटाई गईं।