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नूंह में बुलडोजर कार्रवाई जारी

गुरुग्राम। हरियाणा के हिंसा प्रभावित नूंह में जिला प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई शनिवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। शनिवार को जिला प्रशासन ने बुलडोजर चला कर दो दर्जन से ज्यादा दुकानें तोड़ डालीं। इनमें से ज्यादातर दुकानें दवा की थीं। इससे एक दिन पहले शुक्रवार को दो सौ से ज्यादा झुग्गियां तोड़ी गई थीं। यह कार्रवाई नूंह से 20 किलोमीटर दूर तावड़ू में हुई थी, जहां सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके झुग्गियां बनी हुई थीं। बताया जा रहा है कि उसमें बड़ी संख्या में रोहिंग्या और बांग्लादेश थे।

इसके अगले दिन शनिवार को नूंह में नल्हड़ के शहीद हसन खान मेवाती सरकारी मेडिकल कॉलेज के आसपास पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने स्थित करीब दो दर्जन दुकानों को तोड़ दिया गया। इनमें से ज्यादातर दवा की दुकानें थीं। ये दुकानें वर्षों से वहां थीं। इससे पहले शुक्रवार तावड़ू की झुग्गियों के अलावा दिन भर अलग-अलग जगहों पर बुलडोजर की कार्रवाई हुई और 50 से 60 निर्माण तोड़े गए। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के डर से कई लोग भाग गए हैं।

गौरतलब है कि नूंह में सोमवार को हिंसा हुई थी, जब विश्व हिंदू परिषद की ओर से निकाली गई ब्रजमंडल शोभायात्रा पर कथित तौर पर दूसरे समुदाय के लोगों ने हमला कर दिया था। नूंह के बाद गुरुग्राम के बादशाहपुर में भी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में सात लोग मारे गए हैं। इस घटना के बाद पूरे नूंह में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हालांकि अब धीरे धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं लेकिन अब भी तनाव बना हुआ है। इस बीच कथित अवैध निर्माण तोड़ने की पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई से तनाव बढ़ रहा है। इसे चुनिंदा कार्रवाई बताया जा रहा है।

स्थानीय विधायक और कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद ने कथित अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई पर विरोध जताया है। उन्होंने बुलडोजर वाली कार्रवाई का एक वीडियो ट्विट कर लिखा है- नूंह में सिर्फ गरीबों के घर ही नहीं तोड़े जा रहे हैं, बल्कि आम लोगों की आस्था और विश्वास को भी तोड़ा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि एक महीने की बैक डेट में नोटिस देकर आज घर और दुकानें तोड़ दी गईं। सरकार प्रशासनिक विफलताओं को छिपाने के लिए गलत कार्रवाई कर रही है, यह दमनकारी नीति है।

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