नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी गई चिट्ठी का जवाब संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने दिया है। उन्होंने भी एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा है कि संसदीय परंपराओं का पालन करते हुए ही संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। उन्होंने सोनिया गांधी पर पलटवार करते हुए कहा- शायद आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं है। संसद सत्र बुलाने से पहले ना कभी राजनीतिक दलों से चर्चा की जाती है और न कभी मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
संसदीय कार्य मंत्री ने चिट्ठी में लिखा है- महामहिम राष्ट्रपति के सत्र बुलाने के बाद और सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है, जिसमें संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है। प्रहलाद जोशी ने विशेष सत्र पर सोनिया गांधी के पत्र और आपत्तियों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष से सत्र शुरू होने के बाद सरकार एजेंडे पर चर्चा करती है। इसको लेकर नकारात्मक राजनीति नहीं करनी चाहिए। सत्र परंपरा के अनुसार ही बुलाया गया है। गौरतलब है कि सोनिया ने अपनी चिट्ठी में कहा था- संसद का विशेष सत्र राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किए बिना बुला लिया गया। इस सत्र के एजेंडे के बारे में हमें जानकारी नहीं है।
बहरहाल, जानकार सूत्रों का कहना है कि संसद के विशेष सत्र में कोई भी विधेयक पेश नहीं होगा और न ही ज्वाइंट सेशन बुलाया जाएगा। बताया गया है कि पांच दिन में चार-पांच प्रस्ताव लाए जाएंगे, जिन पर चर्चा होकर उसे ध्वनि मत से पारित किया जाएगा। जानकार सूत्रों के मुताबिक जी-20 के सफल आयोजन, चंद्रयान-तीन की सफल लैंडिंग, देश के तीसरी आर्थिक शक्ति बनने, 2047 तक विकसित भारत बनाने और इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल करने जैसी बातों को लेकर सरकार प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।