नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग यानी एएसआई की रिपोर्ट आने के बाद अब वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में एएसआई के महानिदेशक को आदेश देने की अपील की गई है कि वे परिसर में मिले शिवलिंग का सर्वे करें, ताकि उसकी वास्तविकता का पता लगाया जा सके। याचिका में कहा गया है कि सर्वे करने के लिए शिवलिंग के आसपास की आर्टिफिशियल या मॉडर्न दीवार और फ्लोर को हटाया जाए। बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए सील किए गए पूरे इलाके का वैज्ञानिक सर्वे किया जाए।
इससे पहले, 19 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी के सर्वे पर रोक लगा दी थी। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने याचिका में ज्ञानवापी परिसर में सीलबंद वजूखाना का सर्वे कराने की मांग करने की बात कही थी। उन्होंने दावा किया है कि 10 सीलबंद तहखानों में हिंदू मंदिर के सबूत और कलाकृतियां हैं। गौरतलब है कि ज्ञानवापी की एएसआई सर्वे की रिपोर्ट 25 जनवरी को देर रात सार्वजनिक हुई थी।
एएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक, परिसर के अंदर भगवान विष्णु, गणेश और शिवलिंग की मूर्ति मिली हैं। पूरे परिसर को मंदिर के स्ट्रक्चर पर खड़ा बताते हुए 34 सबूतों का जिक्र किया गया है। बताया गया है कि मस्जिद परिसर के अंदर ‘महामुक्ति मंडप’ नाम का एक शिलापट भी मिला है। एएसआई ने रिपोर्ट में लिखा कि ज्ञानवापी में एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। 17वीं सदी में जब औरंगजेब का शासन था उस वक्त ज्ञानवापी के ढांचे को तोड़ा गया। कुछ हिस्सों में बदलाव किया गया। मंदिर के मूल रूप को प्लास्टर और चूने से छिपाया गया। एएसआई ने 839 पन्नों की रिपोर्ट में परिसर के प्रमुख स्थानों का जिक्र किया है।