राजगीर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि केन्द्र सरकार आधुनिक, अनुसंधान उन्मुख उच्च शिक्षा प्रणाली की दिशा में काम कर रही है और उनका मिशन है कि भारत की पहचान फिर से दुनिया के सबसे प्रमुख ज्ञान केंद्र के रूप में बने। मोदी ने यहां नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए छात्रों से हमेशा जिज्ञासु और साहसी बने रहने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने प्राचीन नालंदा विहार के परिसर का भ्रमण करने और उसके अवशेषों का अवलोकन करने के बाद नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘नालंदा उस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं। नालंदा के विध्वंस ने भारत को अंधकार से भर दिया था। अब इसकी पुनर्स्थापना, भारत के स्वर्णिम युग की शुरुआत करने जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब शिक्षा का विकास होता है तो अर्थव्यवस्था और संस्कृति की जड़ें भी मजबूत होती हैं। हम विकसित देशों को देखें तो पाएंगे कि वे अर्थ, सांस्कृतिक लीडर तब बने जब एजुकेशनल लीडर हुए।’’
मोदी ने कहा, ‘‘आज दुनिया भर के छात्र उन देशों में जाकर पढ़ना चाहते हैं। कभी ऐसी स्थिति हमारे यहां नालंदा और विक्रमशिला जैसे स्थानों में हुआ करती थी। इसलिए यह केवल सहयोग नहीं है कि जब भारत शिक्षा में आगे था तब उसकी आर्थिक सामर्थ्य भी नयी ऊंचाई पर था।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह किसी भी राज्य के विकास के लिए बुनियादी ‘रोड मैप’ है, इसलिए 2047 तक विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा भारत, शिक्षा के क्षेत्र का कायाकल्प कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मिशन है कि भारत दुनिया के लिए शिक्षा और ज्ञान का केंद्र बने। इसके लिए भारत आज बहुत कम उम्र से ही अपने छात्रों को नयी खोज की भावना से जोड़ रहा है। आज एक तरफ एक करोड़ से ज्यादा बच्चों को अटल टिंकरिंग लैब में आधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ मिल रहा है वहीं दूसरी ओर चंद्रयान और गगनयान जैसे मिशन छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ा रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि नयी खोज को बढ़ावा देने के लिए भारत ने एक दशक पहले ‘स्टार्टअप इंडिया’ मिशन की शुरुआत की थी और देश में एक समय कुछ ही स्टार्टअप थे, लेकिन आज भारत में 1,30,000 से ज्यादा स्टार्टअप हैं। उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में आज भारत से रिकॉर्ड संख्या में पेटेंट फाइल किए जा रहे हैं और शोध पत्र प्रकाशित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा जोर अपने युवा खोजकर्ताओं को शोध के लिए ज्यादा से ज्यादा मौके देने का है। इसके लिए सरकार ने एक लाख करोड रुपए का शोध फंड बनाने की घोषणा की है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि भारत में दुनिया की सबसे व्यापक और पूर्ण कौशल प्रणाली तथा सबसे उन्नत अनुसंधान उन्मुख उच्च शिक्षा प्रणाली हो… इन प्रयासों के नतीजे भी दिखाई दे रहे हैं।’’ कार्यक्रम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र वी आर्लेकर सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।