तेल अवीव। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के इजराइल से लौटने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक तेल अवीव पहुंचे। उन्होंने अमेरिका की तरह ही इजराइल को ब्रिटेन का बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की। सुनक ने गुरुवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और ब्रिटेन की ओर से पूरा समर्थन और मदद देने का वादा किया। एक दिन पहले बुधवार को जो बाइडेन तेल अवीव पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि बाइडेन ने नेतन्याहू को हिजबुल्ला से जंग नहीं बढ़ाने की सलाह दी है। अमेरिका नहीं चाहता है कि इजराइल दो मोर्चों पर एक साथ लड़ाई लड़े।
अमेरिका की इस सलाह के बीच लेबनान की ओर से हिजबुल्ला के हमले हो रहे हैं और इस वजह से दुनिया के देशों को लग रहा है कि युद्ध का दायरा बढ़ सकता है। इस आशंका के बीच कई देशों ने अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने के लिए कहा है। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से लेबनान छोड़ने को कहा है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक जंग का दायरा बढ़ता देख अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से लेबनान नहीं जाने की भी अपील की है। उधर फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्नी ने कहा है- हमास के हमले में मरने वाले हमारे नागरिकों की तादाद 24 हो गई है। सऊदी अरब ने भी लेबनान में मौजूद अपने नागरिकों से फौरन वहां से निकलने को कहा है।
बहरहाल, इजराइल और हमास की जंग के 13 दिन हो गए हैं। गाजा के हेल्थ डिपार्टमेंट के हवाले से मीडिया में खबर आई है कि गाजा में अब तक कुल 3,785 लोग मारे गए हैं। इनमें 1,524 बच्चे हैं। इनके अलावा करीब साढ़े 12 हजार लोग घायल हुए हैं। उधर इजराइल में 14 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि डेढ़ हजार के करीब हमास के लड़ाके मारे गए हैं। इस बीच इजराइली डिफेंस फोर्सेज, आईडीएफ के प्रवक्ता एडमिरल डेनियल हगारी ने कहा है इस बात संभावना को खारिज नहीं कर सकते कि अभी हमास के लड़ाके इजराइल में मौजूद हों। उन्होंने कहा कि गाजा बॉर्डर के इलाकों को स्कैन करने का काम अभी पूरा नहीं हुआ है।
आईडीएफ ने यह भी बताया है कि गाजा पर उनके हमले में हमास की इकलौती महिला नेता जमिला अल शांति मारी गई है। वो हमास के को-फाउंडर अब्देल अजीज अल रंतिसी की पत्नी थी। जमिला 2021 में ही हमास के पॉलिटिकल ब्यूरो की मेंबर बनी थी। इजराइल ने बुधवार देर रात को लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया। आईडीएफ का दावा है कि इन हमलों में ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के पूर्व कमांडर कासिम सुलेमानी के मेमोरियल को निशाना बनाया गया। कासिम सुलेमानी ईरान के बड़े कमांडरों में से एक था। 2020 में एक अमेरिकी हमले में वह मारा गया था।