नई दिल्ली। चंद्रमा की सतह पर घूम कर जानकारी जुटा रहे प्रज्ञान का रास्ता बदलना पड़ा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो की ओर से बताया गया कि प्रज्ञान रोवर को चांद पर चलने के दौरान एक बड़ा गड्ढा मिल गया। चंद्रमा की सतह पर करीब चार मीटर का बड़ा गड्ढा सामने आने के बाद प्रज्ञान रोवर को सुरक्षित रूप से नए रास्ते पर ले जाया गया। गौरतलब है कि प्रज्ञान ने रविवार को चंद्रमा की सतह और सतह के अंदर के तापमान को लेकर बेहद अहम जानकारी भेजी थी।
बहरहाल, इसरो ने सोमवार दोपहर ट्विट कर बताया कि रोवर ने किनारे से तीन मीटर की दूरी पर गड्ढा देखा और उसके बाद उसे सुरक्षित रास्ते पर भेज दिया गया। गौरतलब है कि एक चंद्र दिवस पूरा होने में सिर्फ 10 दिन बाकी रहने हैं। उसके बाद रोवर प्रज्ञान का काम खत्म हो जाएगा। उससे पहले इसरो के वैज्ञानिक छह पहियों वाले रोवर के जरिए चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव की अधिकतम दूरी को कवर करने के लिए काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत ने 23 अगस्त को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाई थी, जब चंद्रयान-तीन लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा था। उसके बाद ये ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया। इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस के यान चंद्रमा पर उतरे हैं लेकिन उनके यान दक्षिणी ध्रुव पर नहीं उतरे थे।