नई दिल्ली। राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल के सदन में दिए बयान को लेकर पूरा विपक्ष उनके खिलाफ एकजुट हो गया है। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं को देशद्रोही कह कर संबोधित करने के विरोध में उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने कहा कि सदन में माफी से कम कुछ भी नहीं चलेगा। दूसरी ओर माफी की बजाय गोयल ने कहा है कि अगर उनकी ओर से कोई असंसदीय टिप्पणी की गई है तो उसे कार्रवाई से हटा दिया जाए।
रमेश ने मंगलवार को ट्विट किया- राज्यसभा में ‘इंडिया’ के नेताओं को ‘देशद्रोही’ कहकर संबोधित करने के आज एक बजे सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया। सदन के पटल पर उनकी ओर से माफी से कम कुछ भी नहीं चलेगा। कुछ देर बाद एक दूसरी ट्विट में, उन्होंने कहा- आपसी बातचीत के प्रस्ताव के आधार पर मणिपुर पर तत्काल चर्चा की अनुमति देने से मोदी सरकार के लगातार इनकार के कारण विपक्षी दल आज दिन के बाकी समय के लिए राज्यसभा से वॉकआउट कर गए।
दूसरी ओर पीयूष गोयल ने कहा- कांग्रेस और उसके अहंकारी गठबंधन दल चीनी मीडिया का समर्थन कर रहे हैं और साजिश रच रहे हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है। इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की जरूरत है। उन्होंने आगे आरोप लगाया- अहंकारी गठबंधन दल एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। वे देश के खिलाफ दुष्प्रचार का वित्तपोषण कर रहे हैं। राहुल गांधी का कम्युनिस्ट पार्टी और चीन के साथ क्या संबंध है। देश को पता होना चाहिए कि वे भारत के साथ हैं या चीन के साथ? भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी के ‘न्यूजक्लिक’ पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का मुद्दा उठाने पर पीयूष गोयल ने ये टिप्पणी की।
दूसरी ओर सभापति ने सदन को बताया कि जयराम रमेश ने उनसे उनके कक्ष में मुलाकात की और उन्हें बताया कि पीयूष गोयल ने विपक्षी दलों के लिए ‘अनुचित शब्द’ का इस्तेमाल किया है। सभापति ने उनसे कहा- मुझे जांच करने दीजिए। यह सदन के रिकॉर्ड में नहीं होगा। इस बीच पीयूष गोयल ने अपनी ओर से सभापति से ये भी आग्रह किया कि यदि सदन में उनके द्वारा कोई असंसदीय टिप्पणी की गई है तो उसे हटा दिया जाए। कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी पीयूष गोयल के बयान की जांच कराने को कहा।