नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान दिए अपने भाषण के कुछ अंश सदन की कार्यवाही से हटाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे लेकर मंगलवार को स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी। उन्होंने लिखा कि यह संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है। असल में राहुल गांधी ने एक जुलाई को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पहला भाषण दिया। इसमें उन्होंने भाजपा व आरएसएस पर निशाना साधा था और हिंसा व नफरत फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने एमएसपी, अग्निवीर, नीट पेपर लीक आदि पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। दो जुलाई को स्पीकर के आदेश पर राहुल के बयान के कई अंशों को हटा दिया गया।
मंगलवार को संसद पहुंचने पर जब इस बारे में राहुल गांधी कहा- मोदी जी की दुनिया में सच्चाई मिटाई जा सकती है, हकीकत में सच को नहीं मिटाया जा सकता। बाद में उन्होंने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी। जिसमें उन्होंने कहा कि बयान के अंश हटाना संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। राहुल ने अपने भाषण के अंशों को फिर से भाषण में शामिल करने की मांग की। राहुल गांधी ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के भाषण का हवाला भी दिया। उन्होंने लिखा कि उनका बयान आरोपों से भरा था, लेकिन हैरानी की बात है कि उसमें से केवल एक शब्द हटाया गया।