नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को सभापति जगदीप धनखड़ और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी बहस हुई। धनखड़ ने खड़गे से कहा कि वे हर बार चेयर को नीचा नहीं दिखा सकते। राज्यसभा के सभापति ने खड़गे से नाराजगी जताते हुए कहा- इस देश और संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में चेयर के प्रति इतनी अवहेलना कभी नहीं हुई, जितनी आपने की। आप अचानक खड़े हो जाते हैं और जो आपके मन में आता है वह कहने लगते हैं, ये समझे बिना कि मैं क्या कह रहा हूं। आपको आत्मचिंतन करने की जरूरत है। मेरे अंदर बहुत सब्र है। मैं खून का घूंट पी सकता हूं। मैंने क्या-क्या बरदाश्त किया है, कितना बरदाश्त किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी बोल रहे थे। इसी दौरान सभापति धनखड़ की मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के साथ बहस हुई। धनखड़ ने कहा कि जयराम रमेश बार बार उन्हें टोक रहे थे। जब जयराम खुद बोलने के लिए खड़े हुए तो धनखड़ ने कहा- जयराम रमेश, आप समझदार हैं, आप प्रतिभासंपन्न हैं, गुणवान हैं, आपको तो तुरंत आकर खड़गे की जगह ले लेनी चाहिए क्योंकि आप खड़गे का ही काम कर रहे हैं। इस पर खड़गे ने कहा- देखिए, ये वर्ण व्यवस्था जो आपके दिमाग में छपी हुई है, उसे यहां बीच में मत लाइए। इसी वजह से आप रमेश को समझदार और बुद्धिमान कह रहे हैं और मुझे बेवकूफ बता रहे हैं, ताकि वे मेरी जगह ले सकें। धनखड़ ने कहा कि खड़गे को उनकी बात समझ नहीं आई और उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया।