मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार बतौर मुख्य अतिथि मंच पर मौजूद रहे। इससे पहले मोदी के साथ मंच साझा करने को लेकर विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए थे। बहरहाल, एक तरफ शरद पवार मंच पर मोदी के साथ मौजूद थे और दूसरी ओर पवार की पार्टी मोदी का विरोध कर रही थी। कांग्रेस और एनसीपी के शरद पवार खेमे के नेताओं ने मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया और मणिपुर की हिंसा को लेकर उनके ऊपर हमला किया।
बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार की सुबह पुणे के दौरे पर पहुंचे। वे सुबह 11 बजे पुणे पहुंचे और सबसे पहले दगड़ूशेठ हलवाई मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद वो एसपी कॉलेज मैदान पहुंचे, जहां उन्हें तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट की ओर से लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में एनसीपी के प्रमुख शरद पवार बतौर चीफ गेस्ट मौजूद रहे। मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के एक तरफ शरद पवार, तो दूसरी तरफ उनके भतीजे अजित पवार बैठे।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक भारत के स्वतंत्रता इतिहास के माथे के तिलक हैं। देश की आजादी में उनकी भूमिका, उनके योगदान को कुछ घटनाओं और शब्दों में नहीं समेटा जा सकता है। उन्होंने कहा- मैं इस अवॉर्ड को 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित करता हूं। गौरतलब है कि शरद पवार का प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करना विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की पार्टियों को पसंद नहीं आया था। गौरतलब है कि विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक मुंबई में होने वाली है, जिसके मेजबान शरद पवार और उद्धव ठाकरे हैं।