गंगटोक। पूर्वोत्तर के राज्य सिक्किम में बड़ा हादसा हो गया है। मंगलवार की देर रात को बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। इस बाढ़ में सेना के 23 जवानों सहित 49 लोग बह गए हैं। इस बाढ़ में आठ लोगों की मौत हो गई है और 41 लोग लापता हैं। बताया जा रहा है कि नदी से लगे इलाके में ही सेना का शिवार था, जो बाढ़ की चपेट में आने के बाद बह गया और वहां खड़ी 41 गाड़ियां डूब गईं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की स्थिति जानने के लिए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बातचीत की और उन्हें मदद देने का भरोसा दिया। सेना की ओर से बताया गया है कि ल्होनक झील के ऊपर देर रात करीब डेढ़ बजे के आसपास बादल फटा, इसके बाद लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। नदी का जलस्तर अचानक 15 से 20 फिट तक बढ़ गया, जिससे नदी के किनारे के इलाकों में पानी भर गया। बाढ़ की वजह से नेशनल हाईवे-10 भी बह गया। इसके चलते आवाजाही की सुविधा बंद हो गई है।
बुधवार की सुबह से राहत और बचाव का काम शुरू हुआ। बचाव दल ने आसपास के चार हजार लोगों को राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचा है। सिक्किम में बादल फटने के बाद पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग में भी बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने बताया- तीस्ता बैराज से तीन शव बरामद किए गए हैं। उनकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। प्रधानमंत्री मोदी ने सिक्किम में आई भीषण बाढ़ को लेकर सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात की। उन्होंने सिक्किम में किसी भी चुनौती से निपटने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है।