नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल के सरकार से टकराव को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। सर्वोच्च अदालत ने यहां तक कहा है कि क्या राज्यपाल को पता है कि वे आग से खेल रहे हैं। विधानसभा सत्र को अवैध बताने और सदन से मंजूर विधेयकों को लंबित रखने के मामले में पंजाब सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पंजाब में जो हो रहा है, हम उससे खुश नहीं हैं, यह गंभीर चिंता का विषय है।
सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने पर पंजाब के राज्यपाल से नाखुशी जाहिर की और कहा कि क्या आपको जरा भी अंदेशा है कि आप आग से खेल रहे हैं। अदालत ने कहा- हमारा देश स्थापित परंपराओं पर चल रहा है और उनका पालन किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि मौजूदा राज्यपाल के रहते विधानसभा का सत्र बुलाना असंभव सा है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पंजाब के राज्यपाल के वकील से पूछा कि अगर विधानसभा का कोई सत्र अवैध घोषित हो भी जाता है, तो सदन द्वारा पास किया गया बिल कैसे गैरकानूनी हो जाएगा? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- क्या राज्यपाल को इस बात का जरा भी अंदेशा है कि वो आग से खेल रहे हैं? अगर राज्यपाल को लगता भी है कि बिल गलत तरीके से पास हुआ है तो उसे विधानसभा अध्यक्ष को वापस भेजना चाहिए। अगर राज्यपाल इसी तरीके से बिल को गैरकानूनी ठहराते रहे तो क्या देश संसदीय लोकतंत्र बचेगा?
सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है, लेकिन पंजाब की स्थिति को देखकर लगता है कि सरकार और उनके बीच बड़ा मतभेद है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के वकील से पूछा कि आप किसी बिल को अनिश्चित काल के लिए नहीं रोक रख सकते हैं? चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर संविधान में कहा लिखा है कि राज्यपाल स्पीकर द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को अवैध करार दे सकते हैं?