नई दिल्ली/चंडीगढ़। हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच पर सख्त रुख दिखाया है और कहा है कि चाहे कोई भी पक्ष हो उसके साथ एक जैसा बरताव किया जाना चाहिए। इस बीच शुक्रवार को पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में इसी से जुड़े दूसरे मामले पर चल रही सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया, जिसमें सरकार ने कहा कि नूंह का इलाका मुस्लिम बहुल है इसलिए सरकार की बुलडोजर कार्रवाई से मुस्लिमों की संपत्ति ज्यादा टूटी है।
गौरतलब है कि नूंह की हिंसा के बाद जिले में चल रही बुलडोजर कार्रवाई पर हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और सरकार से पूछा था कि क्या इस मामले में एकतरफा कार्रवाई हो रही है। इस पर सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया है। सरकार ने कहा है कि बुलडोजर कार्रवाई से कुल 354 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 71 हिंदू हैं और 283 मुस्लिम हैं। नूंह के कलेक्टर धीरेंद्र खडगटा की ओर से दाखिल जवाब में कहा गया है कि 2011 की जनगणना के हिसाब से यह मुस्लिम बहुल इलाका है। जवाब में बताया गया है कि नूंह जिले की पुन्हाना तहसील में 87 फीसदी और फिरोजपुर झिरका में 85 फीसदी मुस्लिम आबादी है।
बहरहाल, इससे एक दिन पहले गुरुवार को नूंह हिंसा से जुड़े मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां भी हेट स्पीच होगी, उससे कानून के अनुसार निपटा जाएगा। सर्वोच्च अदालत ने कहा, हम इस बात पर ध्यान नहीं देंगे कि किस पक्ष ने क्या किया। हम नफरत फैलाने वाले भाषणों से कानून के मुताबिक निपटेंगे। गौरतलब है कि नूंह की सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में हैं। इनमें एक याचिका में रैलियों पर रोक लगाने की मांग की गई है, वहीं दूसरी याचिका में मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार की अपील की शिकायत की गई है।
सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा- केरल में आईयूएमएल की रैली में हिंदुओं की हत्या के संबंध में नारे लगाए थे। इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा- मैं स्पष्ट हूं कि चाहे एक पक्ष हो या दूसरा, उनके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाना चाहिए और जहां भी नफरती भाषण होगा, उनसे कानून के अनुसार निपटा जाएगा। नूंह के बाद महापंचायत में मुस्लिमों के खिलाफ बहिष्कार के अभियान के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि हमें उम्मीद है कि इस मामले में हेट स्पीच को लेकर अदालत की गाइडलाइन का पालन किया गया होगा। सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त को इस याचिका सुनवाई करेगा।