नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मसले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में 15वें दिन सुनवाई हुई। इस दौरान नेशनल कांफ्रेंस के नेता अकबर लोन को लेकर लंबी चर्चा हुई। केंद्र सरकार ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन माफी मांगें क्योंकि उन्होंने 2018 में जम्मू कश्मीर विधानसभा में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मोहम्मद अकबर लोन एक हलफनामा दायर करें, जिसमें बताएं कि उनकी भारतीय संविधान में निष्ठा है।
सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से नेशनल कांफ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन द्वारा 2018 में जम्मू कश्मीर विधानसभा में कही गई बातों से सहमत नहीं हैं। गौरतलब है कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। इस संविधान पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।
सरकार की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता इस मामले में दलील पेश कर रहे हैं। हरीश साल्वे ने भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने के पक्ष में दलील दी। गौरतलब है कि कश्मीरी पंडितों ने तीन सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें याचिकाकर्ताओं ने लोन पर सवाल उठाए गए थे। उन्होंने दावा किया था कि लोन घोषित तौर पर पाकिस्तान का समर्थन करते हैं। वो विधानसभा में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा चुके हैं।