नई दिल्ली। देश की उच्च अदालतों में जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सर्वोच्च अदालत की कॉलेजियम की ओर से भेजी गई सिफारिशों को सरकार मंजूरी देने में देरी कर रही है। इस मसले पर मंगलवार को जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने सुनवाई की। अदालत ने कहा कि इस मामले में पिछली सुनवाई सात महीने पहले हुई थी, लेकिन इतने समय बाद भी सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया।
अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर अब बारीक नजर रखेगी और हर 10-12 दिन में इस मामले को सुनेगी, जब तक कि सरकार मंजूरी नहीं दे देती है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की ओर 70 जजों की नियुक्ति और तबादले की सिफारिश सरकार को भेजी गई है, जो लंबित है। मंगलवार की सुनवाई में जस्टिस कौल ने कहा कि कॉलेजियम ने 11 नंवबर 2022 को हाई कोर्ट्स में जजों की नियुक्ति के लिए 80 नाम भेजे गए थे। ये नाम पिछले 10 महीने से पेंडिंग थे। चार दिन पहले सरकार ने 10 फाइलों को मंजूरी दे दी, लेकिन 70 फाइलें अभी भी लंबित हैं।
सरकार के पास जिन 70 जजों के मामले लंबित हैं, इनमें नौ जजों के नाम कॉलेजियम ने पहली बार भेजे हैं। सात नाम दूसरी बार भेजे गए हैं, जबकि एक चीफ जस्टिस का नाम प्रमोशन के लिए भेजा है। इसके अलावा 26 नाम तबादले के लिए भेजे हैं। दो जजों की बेंच ने मंगलवार को सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी से कहा कि आप हाई कोर्ट की ओर दिए गए नामों पर सरकार से निर्देश लें। अदालत ने कहा कि वह बहुत कुछ कहना चाहती है लेकिन चूंकि एजी एक हफ्ते का समय मांग रहे हैं इसलिए वह चुप है। अब मामले में अगली सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी।