नई दिल्ली। समान नागरिक संहिता के मामले में केंद्रीय विधि आयोग को 80 लाख सुझाव मिले हैं। विधि आयोग ने पहले एक महीने में लोगों से सुझाव देने को कहा था। तब उसे करीब 50 लाख सुझाव मिले थे। बाद में आयोग ने लोगों को सुझाव देने के लिए दो हफ्ते का समय और दिया। उस अवधि में आयोग को 30 लाख और सुझाव मिले। इस तरह उसे कुल 80 लाख सुझाव मिले हैं, जिनकी छंटनी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की तकनीक के आधार पर होगी।
विधि आयोग को सुझाव देने की आखिरी तारीख 28 जुलाई की थी। यह अवधि खत्म होने के बाद आयोग ने कहा है कि अब सुझाव के लिए तारीख आगे नहीं बढ़ेगी। अब विधि आयोग इन सुझावों पर विचार करेगा। इससे पहले 14 जुलाई को आयोग के एक अधिकारी ने तारीख आगे बढ़ाते हुए कहा था कि समान नागरिक संहिता पर लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। अनेक लोगों ने आवेदन देकर तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी।
विधि आयोग ने 14 जून 2023 को एक नोटिस जारी कर सुझाव मांगे थे। भारतीय नागरिक, धार्मिक-सामाजिक संगठन और राजनीतिक पार्टियां इसमें सुझाव दे सकती थीं। आयोग की ओर से जारी नोटिस में पूछा गया था कि भारत में समान नागरिक संहिता की जरूरत है या नहीं? अगर हां तो क्यों जरूरी है और नहीं तो क्यों जरूरी नहीं है? विधि आयोग की ओर से सुझाव मांगे जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक भाषण में इसकी वकालत की थी और कहा था कि एक घर में दो कानून नहीं चल सकते।