तेल अवीव। हमास के साथ चल रही जंग में इजराइल की तमाम विपक्षी पार्टियों ने सरकार का समर्थन किया है और यूनिटी गवर्नमेंट बनाने का फैसला किया है। इजराइल में 1973 के बाद पहली बार यूनिटी गवर्नमेंट बनेगी। इसके लिए सत्ताधारी लिकुड पार्टी के गठबंधन ने हामी भर दी है। इसका मतलब है कि इजराइल में ऐसी सरकार बनेगी, जिसमें सभी पार्टियां शामिल होंगी। यूनिटी गवर्नमेंट या वॉर कैबिनेट जंग के वक्त बनती है।
इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री येर लैपिड ने इस बारे में कहा है- जंग की स्थिति में विरोधी पार्टी को राजनीति से कोई मतलब नहीं है। हम आर्मी और सरकार को पूरा सपोर्ट करते हैं। इस बीच जंग के चौथे दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा- हमास ने हम पर हमला कर बड़ी गलती की है। हम इसकी ऐसी कीमत वसूलेंगे, जिसे हमास और इजराइल के बाकी दुश्मनों की पीढ़ियां दशकों तक याद रखेंगी। इजराइल प्रधानमंत्री ने कहा- हम युद्ध नहीं चाहते थे। हम पर बहुत क्रूर तरीके से यह थोपा गया। हमने भले ही युद्ध शुरू नहीं किया, लेकिन इसका अंत हम ही करेंगे। इजराइल सिर्फ अपने लोगों के लिए नहीं बल्कि बर्बरता के खिलाफ खड़े हर देश के लिए लड़ रहा है।
इस बीच अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने खुल कर इजराइल का समर्थन किया है। अमेरिका में सोमवार रात इजराइल के समर्थन में व्हाइट हाउस को नीले और सफेद रंग की रोशनी से उजागर किया गया। उधर पेरिस में आइकॉनिक एफिल टावर भी इजराइल के झंडे के रंग यानी नीले और सफेद में रंगा दिखा। असल में इजराइल पर हुए हमास के हमले में दुनिया के कई देशों के बेकसूर नागरिक मारे गए हैं। इस वजह से भी दुनिया के देश इस मामले में इजराइल का समर्थन कर रहे हैं। मिस्र भी लगातार दोनों पक्षों से जंग रोकने के लिए बातचीत कर रहा है। उसने हमास से बंधकों को प्रताड़ित नहीं करने को कहा है।
हमास के हमले में ब्रिटेन और अमेरिका के करीब 20 नागरिक मारे गए हैं। इन हमलों में थाईलैंड के अब तक 18 नागरिकों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता हैं। नेपाल के भी एक दर्जन लोग मारे गए हैं। अर्जेंटीना ने बताया है कि उसके नौ नागरिकों की मौत इजराइल में हुई है। जर्मन नागरिकों की भी मौत हुई है। इजराइल के नागरिकों के साथ साथ कई दूसरे देशों के नागरिक भी बंधक बनाए गए हैं। दुनिया के देश हमास की इस धमकी से चिंता में है कि वह बंधकों की हत्या कर देगा।