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प्रियंका गांधी ने आखिर वायनाड को ही क्यों चुना? जानें…

Priyanka Gandhi

कांग्रेस ने रायबरेली और वायनाड सीट को लेकर जैसे ही फैसले का ऐलान किया तो रायबरेली से लेकर वायनाड तक कांग्रेस कार्यकर्ता जश्न में डूब गए। कांग्रेस ने बड़ा फैसला करते हुए ऐलान किया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) Wayanad सीट छोड़ेंगे और रायबरेली से सांसद बने रहेंगे। राहुल (Rahul Gandhi) की जगह अब प्रियंका गांधी Wayanad से चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि चूंकि रायबरेली सीट से गांधी-नेहरू परिवार का पुराना नाता है इसलिए राहुल रायबरेली सीट से सांसद बने रहेंगे।

बता दें कि गांधी परिवार का दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने का लंबा इतिहास है। शुरुआत पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने की थी जब उन्होंने 1978 में चिकमंगलूर से चुनाव जीता था। इसके बाद 1980 में मेडक से इंदिरा गांधी सांसद बनीं थी। आपातकाल के बाद रायबरेली सीट से जब इंदिरा गांधी का कमबैक करना मुश्किल लग रहा था उस वक्त कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट ने उनके राजनीतिक जीवन के लिए संजीवनी का काम किया।

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि वायनाड और रायबरेली में से किसी एक को चुनना उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने रायबरेली को चुना है लेकिन वो वायनाड को भूलेंगे नहीं। राहुल (Rahul Gandhi) के साथ प्रियंका गांधी ने भी कहा कि Rae Bareli और Wayanad के लोगों की सेवा अब दोनों भाई-बहन मिलकर करेंगे। कांग्रेस दरअसल राहुल के रायबरेली सीट रखने के साथ आगे की रणनीति पर काम कर रही है। रायबरेली सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट है। इस सीट पर राहुल के दादा फिरोज गांधी, दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी चुनाव लड़ चुकी हैं।

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