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महिला आरक्षण बिल कानून बना

आरक्षण

नई दिल्ली। नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम से लाया गया महिला आरक्षण बिल अब कानून बन गया है। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस पर दस्तखत कर दिया है। राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। यह कानून बन जाने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।

हालांकि, कानून के मुताबिक महिला आरक्षण नई जनगणना और परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा। बहरहाल, अब यह कानून मंजूरी के लिए विधानसभाओं में भेजा जाएगा। इसे लागू होने के लिए देश की आधी विधानसभाओं में पास होना जरूरी है। लोकसभा में बिल पेश करते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया था कि लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं, नारी शक्ति वंदन कानून लागू होने के बाद उनकी संख्या बढ़ कर 181 हो जाएगी।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया था। विशेष सत्र के दूसरे दिन 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन नए संसद भवन में पहली बार कार्यवाही हुई और उसके पहले एजेंडे के तौर पर महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। इसके अगले दिन 20 सितंबर को चर्चा के बाद यह बिल पास हुआ बिल के पक्ष में 454 और विरोध में सिर्फ दो वोट पड़े। इसके अगले दिन यानी 21 सितंबर को बिल राज्यसभा में पेश किया गया और आम सहमति से पास कराया गया है। उच्च सदन में बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा।

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