नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापन से जुडे अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने और भ्रामक विज्ञापन पर रोक के आदेश के एक दिन बाद प्रेस कांफ्रेस के लिए दोनों ने माफी मांगी है। बाबा रामदेव की तरफ से बिना शर्त माफीनामे का हलफनामा दायर किया गया है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते सुनवाई में दोनों का हलफनामा देख कर अदालत ने कड़ी नाराजगी जताई थी और मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी थी। उस समय भी दोनों ने अदालत में माफी मांगी लेकिन अदालत ने उसे मंजूर नहीं किया।
इस मामले में बुधवार को सुनवाई होनी है उससे पहले रामदेव और बालकृष्ण ने हलफनामा देकर कहा है कि अब कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं होगी और न सार्वजनिक बयान दिया जाएगा। दोनों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन किया जाएगा और भविष्य में इस प्रकार के विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे। दोनों ने कहा है कि कानून की महिमा और न्याय की महिमा को कायम रखने का वचन देते हैं।
हलफनामे में दोनों ने कहा है- मैं विज्ञापनों के मुद्दे के संबंध में अपनी बिना शर्त माफी मांगता हूं। मुझे इस चूक पर गहरा अफसोस है और मैं माननीय अदालत को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी। मैं इस माननीय न्यायालय के दिनांक 21 नवंबर 2023 के आदेश के पैरा तीन में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं। मैं आगे वचन देता हूं और सुनिश्चित करता हूं कि उक्त आदेश का अक्षरशः अनुपालन किया जाएगा और ऐसे किसी भी समान विज्ञापन का उपयोग नहीं किया जाएगा। इसमें कहा गया है- मैं 22 नवंबर 2023 को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के लिए अपनी बिना शर्त माफी प्रस्तुत करता हूं।