कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व आईएएस अधिकारी जवाहर सरकार ने ममता बनर्जी की पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि वे राज्यसभा से भी इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से बलात्कार और हत्या के मामले में राज्य सरकार के रवैए से निराशा जताते हुए पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि वे राजनीति से भी संन्यास लेंगे।
जवाहर सरकार ने रविवार, आठ सितंबर को पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर सरकार की कार्यशैली पर निराशा जताई। उन्होंने लिखा- मैं आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक घटना के बाद एक महीने तक चुप रहा। मुझे उम्मीद थी कि आप अपने पुराने स्टाइल में प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों के मामले में हस्तक्षेप करेंगी। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। सरकार अब जो भी कार्रवाई कर रही है, वह बहुत कम है और काफी देर से की जा रही है।
सरकार ने अपनी चिट्ठी में लिखा है- राज्य में बहुत पहले ही सामान्य स्थिति बहाल हो गई होती, अगर भ्रष्ट डॉक्टरों के ग्रुप को तोड़ दिया जाता और गलत प्रशासनिक कार्रवाई करने के दोषियों को घटना के तुरंत बाद सजा दी जाती।
जवाहर सरकार ने चिट्ठी में ममता को बताया कि वे जल्दी ही दिल्ली जाकर राज्यसभा के सभापति को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। जवाहर सरकार ने भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की लगातार अनदेखी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने लिखा है- मैं पार्टी ज्वाइन करने के एक साल बाद पूर्व शिक्षा मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के खुले सबूत देखकर काफी हैरान था। मैंने कह दिया था कि भ्रष्टाचार से पार्टी और सरकार को निपटना चाहिए, लेकिन पार्टी में सीनियर नेताओं ने मेरे साथ गलत व्यवहार किया। मैंने तब इस्तीफा नहीं दिया, क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि आप कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना अभियान जारी रखेंगी, लेकिन मेरा मोहभंग बढ़ता गया, क्योंकि राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों को लेकर काफी लापरवाह रही।