अहमदाबाद। समय रहते गुजरात के तटीय इलाकों से नागरिकों को हटा दिया गया था, जिससे भीषण चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की चपेट में आकर जान का नुकसान नहीं हुआ है लेकिन इसके अलावा तूफान ने भारी तबाही मचाई है। गुरुवार की शाम को कच्छ में जखाऊ बंदरगाह क पास समुद्रतट पर टकराने के बाद तूफान से गुजरात में भारी नुकसान हुआ। इसका असर कच्छ-सौराष्ट्र सहित आठ जिलों में रहा। तूफान की वजह से जगह-जगह पेड़ और खंभे गिर गए। भावनगर में दो लोगों की मौत हुई और 22 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अभी दो दिन तक 80 किलोमीटर प्रति घंटे से हवाएं चलने का अलर्ट है।
तूफान के असर से कच्छ में मांडवी, नलिया, नारायण सरोवर, जखाऊ पोर्ट, मुंद्रा और गांधीधाम सहित लगभग पूरे राज्य में तेज बारिश हो रही है। इसके साथ ही 90 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। शुक्रवार को बताया गया कि करीब साढ़े नौ सौ गांवों की बिजली गुल हो गई है। बारिश की वजह से कई जगह बाढ़ आई है और कई जगह समुद्र का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है। इस वजह से रास्ते बंद हैं और साढ़े चार हजार से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया है।
गौरतलब है कि बिपरजॉय तूफान गुरुवार शाम साढ़े छह बजे कच्छ के जखाऊ तट से टकराया था। इस दौरान 115 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही थी। इससे पहले कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़, गांधीधाम और मोरबी सहित तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। इसके बाद तूफान उत्तर-दक्षिण राजस्थान की तरफ बढ़ गया।
बहरहाल, गुजरात में तेज हवाओं के चलते सैकड़ों पेड़ गिर गए। मोबाइल टॉवर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे संचार व्यवस्था प्रभावित हुई है और बिजली के खंभे उखड़ जाने से कई इलाकों में बिजली गुल है। तूफान की चेतावनी के बाद राहत व बचाव एजेंसियों ने करीब एक लाख लोगों को तटीय इलाकों से निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। तूफान का असर एक दो दिन में कम होगा उसके बाद बिजली और संचार की व्यवस्था बहाल करने का काम शुरू होगा।