नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर पहुंचने से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश में कारोबार से जुड़े भ्रष्टाचार कानून को रोक दिया है। ट्रंप के इस फैसले का बड़ा फायदा भारतीय कारोबारी गौतम अडानी को भी होगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने करीब 50 साल पुराने फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट यानी एफसीपीए को निलंबित कर दिया है। इससे अमेरिकियों के लिए विदेशों में व्यापार के लिए रिश्वत देना अपराध नहीं रहेगा। गौरतलब है कि गौतम अडानी के खिलाफ इसी कानून के तहत मुकदमा चल रहा है।
बहरहाल, अमेरिकी मीडिया के मुताबिक ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को इस कानून के तहत दिए गए फैसलों की समीक्षा करने के लिए दिशा निर्देश तैयार करने का निर्देश दिया है। ट्रंप ने अपने आदेश में कहा, ‘जस्टिस डिपार्टमेंट उन अमेरिकियों पर मुकदमा चलाना रोक दे, जिन पर अन्य देशों में व्यापार के लिए विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है’। ट्रंप के इस फैसले का गौतम अडानी के मामले पर भी असर पड़ सकता है। उन पर भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत देने की प्लानिंग का आरोप है।
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट पर इस बात की जांच कर रहा है कि क्या अडानी समूह ने एफसीपीए का उल्लंघन किया है। यह कानून अमेरिकी संस्थाओं को विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने से रोकता है। ट्रंप द्वारा इस कानून को स्थिगित करने से अमेरिका में अडानी के खिलाफ चल रही जांच में देरी हो सकती है।