नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने के साथ ही राजस्थान के लिए दो चुनावी समितियों का गठन किया है। लेकिन दोनों में से किसी समिति में वसुंधरा राजे को जगह नहीं मिली है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थकों को भी कम ही जगह मिल पाई है। हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर राज्य के प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि वसुंधरा राजे पार्टी की वरिष्ठ नेता हैं और चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगी।
बहरहाल, भाजपा ने गुरुवार को प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश संकल्प पत्र समिति यानी घोषणापत्र समिति की घोषणा की। इन दोनों समितियों में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं है। वे 10 साल तक राज्य की मुख्यमंत्री रही हैं और अब भी पार्टी की सबसे बड़ी नेता हैं। तभी माना जा रहा है कि चुनाव प्रबंधन समिति और घोषणापत्र समिति में वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं किया जाना, उन्हें प्रदेश की राजनीति से साइडलाइन किए जाने का संकेत है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर गुरुवार को राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश संकल्प पत्र समिति की घोषणा की गई। प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में 21 सदस्य हैं तो प्रदेश संकल्प पत्र समिति में 25 नेता शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को संकल्प पत्र समिति का अध्यक्ष बनाया गया और तो पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया है।