नई दिल्ली। लेह मे हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी ने अपने पति को सशरीर उपस्थित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कॉर्पस की याचिका दायर की है। उन्होंने दावा किया है कि गिरफ्तारी के एक हफ्ते बाद में भी उनको उनके पति के बारे में कोई जानकारी नहीं दी रही है। उन्होंने सोशल मीडिया में एक पोस्ट लिख कर कहा है कि एक हफ्ते बाद तक उनको उनके पति की सेहत, उनकी हालत और नजरबंदी के कारणों की जानकारी नहीं दी गई है।
सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने अपने पति सोनम वांगचुक को तुरंत रिहा करने की मांग करते हुए हेबियस कार्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका लगाई है। डॉ. अंगमो ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की। उन्होंने दावा किया कि उनके पति की गिरफ्तारी अवैध है। अंगमो ने यह आरोप भी लगाया कि दिल्ली में हर जगह उनका पीछा किया जा रहा है। उनके एक कर्मचारी को भी हिरासत में रखा गया है।
गौरतलब है कि वांगचुक को 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत 26 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। हिंसा में चार लोग मारे गए थे। गिरफ्तारी के बाद सोनम वांगचुक को राजस्थान की जोधपुर जेल में रखा गया है। वांगचुक के अलावा लेह की स्थानीय जेल में बंद 56 आंदोलनकारियों में से 26 को दो अक्टूबर को छोड़ दिया गया। इन पर गंभीर धाराएं नहीं थीं। 30 लोग अभी जेल में हैं।
वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘आज एक हफ्ता हो गया है। अभी भी मुझे सोनम की सेहत, उनकी हालत और नजरबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है’। अंगमो का आरोप है कि उन्हें अभी तक हिरासत आदेश की कॉपी नहीं मिली है, जो नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली में हर जगह उनका पीछा किया जा रहा है। उनके साथ काम करने वाले एक कर्मचारी को हिरासत में लिया गया है। अंगमो का आरोप है कि उसे पीटा जा रहा है और मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अनेक लोगों को पहले चिट्टी लिख चुकी हैं।