Presidential Election: रोमानिया के संवैधानिक न्यायालय (CCR) ने राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया को रद्द करने का फैसला किया है।
राष्ट्रपति चुनाव के दूसरे दौर से ठीक दो दिन पहले शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। चुनाव में मुख्य मुकाबला स्वतंत्र उम्मीदवार कैलिन जॉर्जेसकु और सेव रोमानिया यूनियन की नेता एलेना लासकोनी (Elena Lasconi) के बीच मुकाबला होना है।
केंद्रीय निर्वाचन ब्यूरो द्वारा पिछले सप्ताह घोषित राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर के परिणामों के अनुसार, जॉर्जेस्कु ने 2,120,401 वोट (22.94 प्रतिशत) के साथ बढ़त हासिल की, उसके बाद सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी से लासकोनी (19.18 फीसदी) और प्रधानमंत्री मार्सेल सिओलाकू (19.15 प्रतिशत) का स्थान रहा।
विभिन्न संस्थाओं और रोमानियाई नेशनल कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार क्रिस्टियन टेरेस की शिकायतों के बाद चुनाव रद्द करने का फैसला आया।
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टेरेस को पहले चरण में 95,782 वोट
टेरेस को पहले चरण में 95,782 वोट मिले थे, जो कुल मतों का 1.04 प्रतिशत था। सीसीआर ने सोमवार को, 24 नवंबर को आयोजित 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर के परिणामों को रद्द करने की मांग वाली टेरेस की याचिका को खारिज कर दिया था।
हालांकि, सीसीआर ने शुक्रवार के अपने फैसले में सरकार को एक नई चुनाव तिथि और समय सारिणी निर्धारित करने का आदेश दिया है, जिससे चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से फिर से शुरू हो जाएगी।
राष्ट्रपति क्लॉस इओहन्निस ने घोषणा की कि वे नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण तक पद पर बने रहेंगे। उन्होंने दोहराया कि उनका रोमानिया का प्रधानमंत्री बनने का कोई इरादा नहीं है। उम्मीदवारों ने चुनाव प्रक्रिया रद्द होने के बारे में अलग-अलग राय रखी।
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लोकतंत्र के लिए झटका बताया(Presidential Election)
लास्कोनी ने इसे लोकतंत्र के लिए झटका बताया और तर्क दिया कि चुनावी प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए थी। उन्होंने रनऑफ जीतने में अपना विश्वास व्यक्त किया।
सिओलाकू ने सीसीआर के फैसले को ‘एकमात्र सही समाधान’ कहा। उन्होंने हस्तक्षेप के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए जांच की आवश्यकता पर जोर दिया और रोमानिया की यूरोपीय विकास पथ के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
शुक्रवार को ही, रोमानिया के संगठित अपराध और आतंकवाद जांच निदेशालय ने रोमानिया की सुप्रीम काउंसिल फॉर नेशनल डिफेंस से प्राप्त गोपनीय सूचना के आधार पर जॉर्जेसकू के राष्ट्रपति अभियान से जुड़े कथित साइबर अपराधों की आपराधिक जांच शुरू की।