अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सरकारी एजेंसियों में वोक (डब्ल्यूओकेई) एआई के उपयोग पर रोक लगाने का एक कड़ा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर दिया है। अपने आदेश में ट्रंप ने आरोप लगाया है कि ऐसे एआई से फैक्ट्स प्रभावित होते हैं।
ट्रंप ने अपने आदेश में कहा, कई एआई सिस्टम्स विविधिता, समानता, समावेशन (डाइवर्सिटी, इक्विटी, इंक्लूजन यानी डीईआई) जैसे वैचारिक एजेंडों से प्रभावित हैं, जिससे इतिहास, विज्ञान और तथ्यों की विश्वसनीयता पर आंच आती है।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब से एजेंसियां केवल उन्हीं लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (एलएलएम) को खरीद सकेंगी जो सत्य और वैचारिक तटस्थता के दो सिद्धांतों का गंभीरता से पालन करेंगे।
इस आदेश में कई अहम बातें कही गई हैं, जैसे कि एआई को वैचारिक रूप से तटस्थ बनाना जरूरी होगा। ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, एआई मॉडल्स को सिर्फ सच्चाई और फैक्ट्स के आधार पर जवाब देने चाहिए। उन्हें किसी विचारधारा, जैसे डीईआई, को तवज्जो नहीं देनी चाहिए। इसके साथ ही इसमें लिखा गया है कि एलएलएम विक्रेताओं को ये सुनिश्चित करना होगा कि मॉडल किसी एक पक्ष से प्रभावित न हो, वरना उनका अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा।
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इसके साथ ही ट्रंप ने ये भी दावा किया कि उनका देश दुनिया का उन्नत एआई ढांचा तैयार करेगा। उन्होंने कहा, ” मेरा प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव साधन का उपयोग करेगा कि संयुक्त राज्य अमेरिका पृथ्वी पर कहीं भी सबसे बड़ा, सबसे शक्तिशाली और सबसे उन्नत एआई बुनियादी ढांचे का निर्माण और रखरखाव कर सके।
वोक शब्द मूल रूप से एक सकारात्मक सामाजिक शब्द था, जिसका मतलब- सामाजिक अन्याय, नस्लवाद, लैंगिक भेदभाव, अलगाववाद जैसे मुद्दों के प्रति लोगों को जागरूक करना है, लेकिन हाल के वर्षों में इसका अर्थ और इस्तेमाल बदल चुका है। ये शब्द इन दिनों खुद को पोलिटिकली करेक्ट साबित करने की कोशिश के तहत किया जाता है।
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