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जगन को तिरुपति मंदिर जाने की इजाजत नहीं

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हैदराबाद। तिरुपति मंदिर का विवाद नया मोड़ ले रहा है। मंदिर के लड्डू प्रसादम् में मछली का तेल और जानवरों की चर्बी की मिलावट के आरोपों के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को मंदिर जाने से रोक दिया गया है। इसके बाद जगन मोहन ने मंदिर का प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया। उन्होंने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य में राक्षसों का राज है। यह भी कहा कि उनके धर्म और उनकी आस्था को लेकर क्यों सवाल उठाया जा रहा है। जगन ने कहा कि वे घर में बाइबिल पढ़ते हैं लेकिन साथ ही सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया है कि जगन मोहन के कार्यकाल में लड्डू प्रसादम् की घी में मिलावट हुई थी।

बहरहाल, जगन मोहन ने शुक्रवार को मंदिर का प्रस्तावित दौरा रद्द करने के बाद कहा- पुलिस ने मंदिर यात्रा को लेकर राज्य भर के वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं को नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि हमें तिरुमाला मंदिर जाने की इजाजत नहीं है। राज्य में राक्षसों का राज जारी है। जगन शनिवार, 28 सितंबर को तिरुपति के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में विशेष अनुष्ठान करने वाले थे।

जगन मोहन ने आगे कहा- मेरी जाति को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं। मैं घर पर बाइबिल पढ़ता हूं लेकिन हिंदू, इस्लाम और सिख धर्म का सम्मान करता हूं और उनका पालन करता हूं। संविधान के मुताबिक, अगर मुख्यमंत्री के बराबर के व्यक्ति को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है, तो मेरा सवाल है कि दलितों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता होगा। इससे पहले राज्य में सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी ने 26 सितंबर को कहा था कि जगन को मंदिर में प्रवेश तभी मिलेगा, जब वे मंदिर के उस घोषणापत्र पर दस्तखत करेंगे, जिसमें लिखा हो कि उन्हें भगवान बालाजी पर विश्वास है। गैर हिंदुओं को इस घोषणापत्र पर दस्तखत करना होता है। हालांकि इससे पहले जगन मोहन रेड्डी अनेक बार बिना दस्तखत किए मंदिर में जा चुके हैं। वे 2012 से मंदिर में जा रहे हैं।

इस बीच, आंध्र प्रदेश सरकार की बनाई हुई नौ सदस्यों वाली एसआईटी ने तिरुपति के प्रसादम् में जानवर की चर्बी पाए जाने के मामले की जांच शुरू कर दी है। एसआईटी का नेतृत्व गुंटूर रेंज के आईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी कर रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को यह आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी वाला वनस्पति तेल और फिश ऑयल मिलाया गया था।

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