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गोपनीयता ऐसी कि पता नहीं कि जिला अध्यक्ष कौन…?

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भोपाल। वैसे तो तय कार्यक्रम के अनुसार भाजपा को 16 से 31 दिसंबर के बीच जिला अध्यक्षों की घोषणा कर देनी थी लेकिन अधिकांश जिलों में सहमति न बनने के कारण अब तक नहीं हो पाई लेकिन पार्टी ने आज लगभग एक दर्जन से ज्यादा जिलों में पार्टी पदाधिकारी की बैठक बुलाई है जिसमें जिला अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है। इसके लिए पार्टी ने दो दिन जिलाध्यक्षों के पास फार्म भेजकर मंडल अध्यक्ष और मंडल प्रतिनिधि के प्रस्तावक और समर्थक के हस्ताक्षरयुक्त आठ फॉर्म पीडीएफ कॉपी में भोपाल बुला लिए। हालांकि अध्यक्ष का कालम खाली रखा गया है जिससे प्रस्तावक और समर्थक को भी नहीं पता कि हम किसके समर्थक और प्रस्तावक बने हैं।

दरअसल पार्टी को जिला अध्यक्षों से ज्यादा अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का कोरम पूरा करने की चिंता सताने लगी है। पिछले दो दिनों में पार्टी ने सभी जिलों से जिला अध्यक्ष के नामांकन पत्र मंडल अध्यक्ष और मंडल प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर से 8 सेट पीडीएफ कॉपी में भोपाल बुला लिए है। ओरिजिनल फॉर्म जिला कार्यालय में जमा रहेगा और आज से जिन जिलों में कोई विवाद नहीं है वहां पर जिला अध्यक्षों की घोषणा शुरू हो जाएगी। माना जा रहा है कि आज पार्टी ने प्रदेश के एक दर्जन से भी ज्यादा जिलों में पार्टी कार्यालय में जिला पदाधिकारी की बैठक बुलाई है। जिसमें जिला अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। हालांकि घोषणा जिलों पर हो या प्रदेश में हो इसको लेकर भी पार्टी नेताओं के अलग-अलग विचार थे प्रदेश नेतृत्व जिलों में घोषणा चाह रहा था जबकि पर्यवेक्षक और जिला निर्वाचन अधिकारी जिलों में जाकर घोषणा करने के लिए मना कर रहे थे।

बहरहाल, लंबे समय से जिला अध्यक्ष कौन होगा इसका इंतजार कर रहे। पार्टी कार्यकर्ताओं का आज से इंतजार खत्म हो सकता है क्योंकि पार्टी ने पिछले दो दिनों में कुछ जिलों में विवाद रहित स्थिति बना ली है और आज से और जिलों में घोषणा की शुरुआत हो जाएगी। पार्टी अभी भी प्रयासरत है कि अधिकांश जिलों की घोषणा जल्दी हो जाए जिससे कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी शुरू हो सके। पिछले दो दिन में पार्टी नेताओं की मुलाकात का लंबा सिलसिला भी चला मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की बैठक हुई फिर देर रात शनिवार को ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की विष्णु दत्त शर्मा से मुलाकात हुई। शिवराज सिंह चौहान की भी पार्टी नेताओं से मुलाकात चर्चा का विषय बनी रही। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का मानना है कि भाजपा जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। करीब 8 से 10 जिलों में स्थानीय नेताओं के बीच रस्साकस्सी रोकने के लिए बैठकों और चर्चाओं का दौर चल रहा है। बीजेपी की पहली सूची में 50% से ज्यादा जिलों के अध्यक्ष घोषित हो जाएंगे।

कुल मिलाकर पार्टी जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद किसी भी प्रकार के विवाद को रोकने के लिए पार्टी बेहद गोपनीय तरीके से निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न कर रही है। जिला अध्यक्षों का निर्विरोध निर्वाचन करने की सभी औपचारिकताएं पूरी हो गई है। प्रस्तावक समर्थकों के हस्ताक्षरयुक्त फॉर्म भोपाल आ चुके हैं। केवल अध्यक्ष का कालम खाली है जिस पर नाम लिखने के बाद कभी भी जिला अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। हालांकि रविवार को भाजपा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के गृहनगर उज्जैन से संजय अग्रवाल को और पूर्व मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के क्षेत्र विदिशा से महाराज सिंह दांगी को और सोमवार को देवास से रायसिंह सेंधव और अशोकनगर से आलोक तिवारी को जिला अध्यक्ष की घोषणा करके शुरुआत कर दी है माना जा रहा है कि भाजपा की एक रणनीति यह भी है कि एक साथ जिला अध्यक्ष घोषित न करके किस्तों में जिला अध्यक्ष घोषित किया जाए।

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