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थम गया प्रचार अब पहुंचने लगे द्वार-द्वार

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भोपाल। प्रदेश में होने जा रहे बुधनी एवं विजयपुर विधानसभा के उपचुनाव के लिए आज शाम को चुनाव प्रचार थम गया और दोनों दलों के नेता कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देने लगे। पिछले एक पखवाड़े में दोनों दलों के दिग्गज नेताओं ने इन क्षेत्रों में पसीना बहाया है। इसके बावजूद भी मतदाता ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। अब 13 नवंबर को ही मतदान के दिन ही मतदाता अपना निर्णय ईवीएम में बंद करेगा।

दरअसल दोनों दलों के लिए बुधनी एवं विजयपुर विधानसभा के उपचुनाव अपने-अपने कारणों से बेहद महत्वपूर्ण है। शायद यही कारण है कि प्रचार अभियान में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। हालांकि विजयपुर में चंबल-ग्वालियर के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचे। कमलनाथ भी विजयपुर नहीं गए। हालांकि वे बुधनी में एक दिन के लिए आए थे। बाकी प्रादेशिक नेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी। खासकर भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश प्रभारी जितेंद्र भंवर सिंह ने पूरा समय इन चुनाव में दिया।

बहरहाल जैसे-जैसे चुनाव प्रचार आगे बढ़ता गया आरोप-प्रत्यारोप भी बढ़ते गए। कांग्रेस में लगभग हर दिन चुनाव आयोग में कोई ना कोई शिकायत की। कुछ पर अमल भी हुआ। कुछ को हटाने के लिए अभी भी प्रयास हो रहे हैं लेकिन अब चुनाव अंतिम दौर में है। आज शाम 5:00 बजे चुनाव प्रचार अभियान समाप्त हो गया और अब घर-घर दस्तक का दौर शुरू हो गया। मतदाता पर्चियां का वितरण होगा। पोलिंग एजेंट तय होंगे लेकिन दलों की सबसे बड़ी चिंता यही है कि मतदाता ने क्या तैयारी करके रखी है और 13 नवंबर को जब वह मतदान केंद्र पर जाएगा तब ईवीएम के सामने उसकी तर्जनी किसका बटन दबाएगी।

हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन जिस तरह से अंतिम समय में मुद्दे उठाए गए, जातियों के गणित बनाए गए उससे उलझन बढ़ती ही गई। शुरुआती दौर में बुधनी विधानसभा में भाजपा 2023 के चुनाव परिणाम को दोहराने की बात कर रही थी लेकिन मतदान का दिन आते आते अंतर की नहीं जीत की बातें हो रही है। इसी तरह विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस जहां जाति समीकरणों के सहारे जीत की उम्मीद में थी भाजपा ने जाति समीकरणों को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी ताकत लगा दी। इसके बावजूद अब दोनों दल जातियों की गोलबंदी में जीत का गोल दाग ने की उम्मीद में है।

कुल मिलाकर बुधनी और विजयपुर विधानसभा के उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार भले ही आज थम जाएगा लेकिन प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ जाएगी। बूथ मैनेजमेंट का करिश्मा ही जीत की दहलीज पर ले जाएगा। चप्पे-चप्पे प्रचारक मौजूद है। बाहरी प्रचारक आज शाम को क्षेत्र से बाहर कर दिए जाएंगे और स्थानीय कार्यकर्ताओं की दम पर ही आखिर चुनावी नैया पार होगी।

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